"दादा धर्माधिकारी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है |
Rescuing 4 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
||
पंक्ति 14:
| occupation = स्वातंत्र्य सेनानी
}}
'''शंकर त्रिम्बक धर्माधिकारी''' (१८ जून , १८९९ - १ दिसम्बर १९८५) [[भारत]] के एक [[स्वतंत्रता सेनानी]], [[गांधीवाद|गाँधीवादी चिन्तक]] और प्रसिद्ध [[लेखक]] थे।<ref>
== परिचय ==
प्रसिद्ध गाँधीवादी चिन्तक दादा धर्माधिकारी का जन्म १८९९ में [[मध्य प्रदेश]] के [[बैतूल]] जिला में हुआ था। वे [[नागपुर]] में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे कि [[महात्मा गांधी|महात्मा गाँधी]] जी ने उसी समय [[असहयोग आन्दोलन]] आरम्भ कर दिया और दादा धर्माधिकारी ने १९२० में विद्यालय छोड़ दिया। उन्होंने औपचारिक शिक्षा की कोई डिग्री नहीं ली। किन्तु स्वाध्याय में अपने समय के विचारको में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया। वे [[हिन्दी|हिंदी]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[बाङ्ला भाषा|बांग्ला]], [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] और [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] भाषाओ के अच्छे ज्ञाता थे।<ref>
दादा धर्माधिकारी ने तिलक विद्यालय, [[नागपुर]] में शिक्षक के रूप में कार्य आरम्भ किया। स्वतन्त्रता संग्राम में भी भाग लेते रहे। १९३५ में वे वधा में आकर रहने लग। वे 'गाँधी सेवा संघ' के सक्रिय कार्यकर्ता थे।<ref>
== कृतियाँ==
|