"दोन नदी": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
माना जाता है कि दोन नदी का नाम इस इलाक़े में बसे हुए आर्य जाती के प्राचीन [[शक]] लोगों की भाषा से आया। यह लोग एक प्राचीन [[ईरानी भाषा परिवार|ईरानी]] या [[हिन्द-ईरानी भाषाएँ|हिंद-ईरानी भाषा]] बोला करते थे जिसमें 'नदी' का शब्द 'दानु' था। यही शब्द आधुनिक [[ओसेती भाषा]] में 'दोन' (Дон, अर्थ: नदी) और [[पश्तो भाषा|पश्तो]] में 'डन्ड' ({{Nastaliq|ur|ډنډ}}, अर्थ: तालाब या सरोवर) के रूप में देखा जा सकता है। 'दानु' शब्द की संस्कृत में भी गहरी जड़े हैं। प्राचीन [[हिन्दू धर्म]] में 'दानु' नदियों की देवी थीं और 'दानु' शब्द का अर्थ 'दिव्य जल' और 'दिव्य नदी' था।<ref name="ref68pagah">{{cite web | title=Celtic Lore & Spellcraft of the Dark Goddess: Invoking the Morrigan | author=Stephanie Woodfield | publisher=Llewellyn Worldwide, 2011 | isbn=9780738727677 | url=http://books.google.com/books?id=CRN4w6g2mMwC | quote=''... Danu also makes an appearance in the Hindu religion, where she is again honored as a primordial mother goddess and goddess of rivers, supporting her origins as a Proto-Indo-European goddess. In Sanskrit her name means 'waters of heaven' ...'' | access-date=26 दिसंबर 2011 | archive-url=https://web.archive.org/web/20190119153838/https://books.google.com/books?id=CRN4w6g2mMwC | archive-date=19 जनवरी 2019 | url-status=live }}</ref><ref name="ref26cogac">{{cite web | title=The sacred isle: belief and religion in pre-Christian Ireland | author=Daithi O' Hogain | publisher=Boydell &amp; Brewer Ltd, 1999 | isbn=9780851157474 | url=http://books.google.com/books?id=wYAnySDa0O0C | quote=''... An aquatic goddess called Danu occurs in Sanskrit literature ...''}}</ref>
 
दोन नदी के किनारे बसे कोस्त्येन्की गाँव में ४०,००० साल पुराने औज़ार मिले हैं जिनसे पत्थरों में छेद बनाए जा सकते हैं, यानी उस प्राचीन समय में भी मनुष्य इसके किनारे बसा करते थे। प्राचीन शक नाम 'दानु' [[प्राचीन यूनान|यूनानियों]] द्वारा 'तानाईस' (Τάναϊς) बुलाया जाने लगा और यूनानी स्रोतों में इस नदी को इसी नाम से पुकारा जाता है। मध्यकाल में यहाँ पर [[तुर्की भाषा परिवार|तुर्कीभाषी]] ख़ज़र क़बीलों का जोर हो गया और उन्होंने दोन पर सारकिल (Sarkil या Sarkel) नामक एक बड़ा क़िला बनाया हुआ था। १६वीं और १७वीं शताब्दियों में इस क्षेत्र में रूसी-मूल के 'दोन कज़ाक' (उर्फ़ 'दोन कोसाक', Don Cossack) लोग आकर बस गए। यह वह स्वतन्त्र रूसी क़बीले थे जो रूसी सामाजिक व्यवस्था से बाहर थे और अपने लड़ाकेपन के कारण स्वतन्त्र रहे।