"नियंत्रण रेखा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Kashmir map.jpg|thumb|240px|हरे रंग में दो पाकिस्तानी अधिकार क्षेत्र दिखाए गये हैं - फैडरली एड्मिनिस्टर्ड नॉर्थर्न एरियाज़ (एफ ए एन ए) उत्तर में, तथा आज़ाद जम्मू एवं कश्मीर (ए जे के) दक्षिण में। नारंगी रंग में भारतीय नियंत्रण वाले जम्मू कश्मीर राज्य को दिखाया गया है और हैचिंग किये क्षेत्र में चीनी नियंत्रण वाला [[अक्साई चिन|अकसाई चिन]] क्षेत्र दिखाया गया है।]]
'''नियंत्रण रेखा''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:''लाइन ऑफ कंट्रोल''), [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच खींची गयी ७४० किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। यह रेखा दोनो देशों के बीच पिछले ५० वर्षों से विवाद का विषय बनी हुई है। वर्तमान नियंत्रण रेखा यहां [[१९४७]] में दोनों देशों के बीच हुए युद्ध को विराम देकर तत्कालीन नियंत्रण स्थिति पर खींची गयी थी, जो आज भी लगभग वैसी ही है।<ref name="अ">[http://www.amarujala.com/Indopak_relation07/story.asp?secid=9&id=23&page=1 एल.ओ.सी पर विवाद] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20080224155519/http://www.amarujala.com/IndoPak_Relation07/story.asp?secid=9&id=23&page=1 |date=24 फ़रवरी 2008 }}। अमर उजाला</ref> तब कश्मीर के कई भागों में पाकिस्तान ने आक्रमण कर दिया था और भारतीय सेनाएं कश्मीर की सुरक्षा हेतु आगे आयीं थीं। उत्तरी भाग में [[भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ|भारतीय सेना]] ने पाकिस्तानी सेना को [[कारगिल]] सैक्टर से पीछे [[श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर|श्रीनगर-]][[लेह]] [[राजमार्ग]] तक पछाड़ दिया था। [[१९६५]] में पाकिस्तान ने फिर आक्रमण किया किन्तु लड़ाई में गतिरोध उत्पन्न हुआ, जिसके चलते यथास्थिति [[१९७१]] तक बनी रही।
[[चित्र:Un-kashmir-jammu.png|thumb|नियंत्रण रेखा का [[संयुक्त राज्य अमेरिका|संयुक्त राज्य]] मानचित्र। [[सियाचिन हिमनद]] के निकट रेखा स्पष्ट नहीं की गयी है।]]
[[१९७१]] में [[बांग्लादेश युद्ध]] के उत्तर में पाकिस्तान ने फिर कश्मीर पर आक्रमण किया जिससे नियंत्रण रेखा के दोनों ओर दोनों ही देशों ने एक दूसरे की चौकियों पर नियंण्त्रण किया था। भारत को नियंत्रण रेखा के उत्तरी भाग में लद्दाख क्षेत्र से लगभग ३०० वर्ग मील भूमि मिली थी।
 
[[३ जुलाई]], [[१९७२]] में [[शिमला समझौता|शिमला समझौते]] के परिणामस्वरूप शांतिवार्ता के बाद नियंत्रण रेखा को बहाळ किया गया। पारस्परिक समझौते में आपसी वार्ता से मामले के सुलझ जाने तक यथास्थिति बहाल रखे जाने की बात मानी गयी। यह प्रक्रिया कई माह तक चली और फील्ड कमाण्डरों अगले पांच माहों में लगभग बीस मानचित्र एक दूईसरे को दिये और अंततः कुछ समझौते हुए। फिर भी दोनों देशों के बीच समय समय पर छिटपुट युद्ध होते रहते हैं। साथ ही एक बड़ा युद्ध [[कारगिल युद्ध|कार्गिल युद्ध]] भी हो चुका है।
इस रेखा के भारतीय ओर ''इंडियन कश्मीर बैरियर'' है जो {{convert|550|km|mi|abbr=on}} लंबा पृथक्करण अवरोध है और {{convert|740|km|mi|abbr=on}} लंबी विवादित १९७२ ''लाइन ऑफ कंट्रोल'' (या सीज़फायर लाइन) पर बना है। यहां भारत द्वारा रेखा के काफी अंदर भारतीय नियंत्रण की ओर दोहरी बाड़ लगायी गई है। इसका उद्देश्य हथियारों की तस्करी और पाकिस्तानी आतंकवादियों व अलगाववादियों द्वारा घुसपैठ रोकना है।<ref>[{{Cite web |url=http://news.indiainfo.com/2004/12/16/1612locmukherjee.html |title="क्रॉस बॉर्डर इन्फिल्टरेशन एण्ड टैररिज़्म"] |access-date=23 जून 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20081221102545/http://news.indiainfo.com/2004/12/16/1612locmukherjee.html |archive-date=21 दिसंबर 2008 |url-status=dead }}</ref>
 
यह अवरोध दोहरी बाड़ और कन्सर्टीना तारों के ८-१२ फीट (२.४-३.७&nbsp;मी.) ऊंचाई तक बना है और विद्युतीकृत है। इसमें गति-सेंसर, ताप-चित्र (थर्मल इमेजिंग) व अलार्म सायरनों का जाल है, जहां जहां विद्युत आपूर्ति उपलब्ध है। एक छोटा भाग ऐसा भि है, जिसमें दोनों बाड़ों के बीच खंदक भी खुदी हुई है। इस अवरोध का निर्माण १९९० के दशक में आरंभ हुआ था, जो २००० में पाक घुसपैठ के चलते कुछ धीमा पड़ गया था, किन्तु नवंबर, २००३ के बाद घोषित रुद्ध विराम के उपरांत फिर आरंभ हुआ और २००४ के अंत तक पूर्ण हुआ। कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र में बाड़ ३० सितंबर २००४ को पूर्ण हुई थी।<ref>[http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/960859.cms कश्मीर की बाड़] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20081221171051/http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/960859.cms |date=21 दिसंबर 2008 }}। टाइम्स ऑफ इण्डिया</ref> [[भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ|भारतीय सेना]] स्रोतों व आंकड़ों के अनुसार इस अवरोध से पाक घुसपैठ में ८०% की कमी आयी है। यहीं से पहले पाक घुसपैठिये व आतंकवादी आकर भारतीय क्षेत्र में सैनिकों पर हमले किया करते थे।<ref>{{cite web
|url=http://www.dailytimes.com.pk/default.asp?page=story_4-3-2005_pg7_41
|title=हार्श वैदर लाइकली टू डैमेज एल.ओ.सी फेन्सिंग
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://web.archive.org/web/20080224155524/http://www.amarujala.com/Indopak_relation07IndoPak_Relation07/story.asp?secid=9&id=24&page=1 शिमला सम्झौता - १९७२]
* [https://web.archive.org/web/20080224155530/http://www.amarujala.com/Indopak_relation07IndoPak_Relation07/story.asp?secid=9&id=25&page=1 सरक्रीक विवाद की जड़]
{{भारत-पाक सम्बन्ध}}
{{कश्मीर घाटी}}