"न्यूट्रॉन उत्सर्जन": अवतरणों में अंतर

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'''न्यूट्रॉन उत्सर्जन''' (Neutron emission), [[परमाणु|परमाणुओं]] एक प्रकार का [[रेडियोसक्रियता|रेडियोसक्रिय क्षय]] है जिसमें [[परमाणु नाभिक|नाभिक]] से [[न्यूट्रॉन]] का उत्सर्जन (निकासी) होती है। न्यूट्रॉन उत्सर्जन वे परमाणु नाभिक करते हैं जिनमें स्थायित्व के लिये आवश्यक न्यूट्रानों से बहुत अधिक न्यूट्रॉन होते हैं।इस प्रकार वे अधिक स्थायित्व को प्राप्त होते हैं। [[बेरेलियम-१३]] (माध्य आयु {{val|2.7|e=-21|ul=s}}) ) तथा [[हिलियम-५]] (माध्य आयु {{val|7|e=-22|u=s}}) न्यूट्रॉन का उत्सर्जन करने वाले दो परमाणु समस्थानिक हैं।
 
न्यूट्रॉन उत्सर्जन की क्रिया में परमाणु बदलकर दूसरा [[तत्त्व|तत्व]] नहीं बनता क्योंकि इसमें प्रोटॉनों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता। हाँ, न्यूट्रॉन उत्सर्जन के फलस्वरूप परमाणु एक नये [[समस्थानिक]] में परिवर्तित हो जाता है। उदाहरण के लिये [[बेरेलियम-१३]], [[बेरेलियम-१२]] में बदल जाता है। <ref>{{cite web |url=http://education.jlab.org/glossary/neutron_emission.html |title=Neutron Emission |format=webpage |date= |accessdate=2014-10-30 |archive-url=https://web.archive.org/web/20161121022030/http://education.jlab.org/glossary/neutron_emission.html |archive-date=21 नवंबर 2016 |url-status=live }}</ref>
 
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