"पवहारी बाबा": अवतरणों में अंतर

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=== गाजीपुर में पुनरागमन और तपस्वी जीवन ===
तीर्थ भ्रमण के पश्चात वे वापस गाजीपुर लौट आये, और वहां उन्होंने अपनी साधना जारी रक्खी. अपने आश्रम की कुटिया में उन्होंने साधना के लिए एक भूमिगत गुफा का निमार्ण किया जिसमें बैठ कर वे दिनों दिन साधना किया करते थे। एक बार तो वो महीनो घर से बहार नहीं निकले। [2] <ref>{{Cite web |url=http://books.google.com/books?id=ZLmFDRortS0C&pg=PA12 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=12 दिसंबर 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131127042325/http://books.google.com/books?id=ZLmFDRortS0C |archive-date=27 नवंबर 2013 |url-status=live }}</ref> विनयशीलता और कल्याण की भावना के लिए विख्यात,पवहारी बाबा मितभाषी थे। उनकी यह दृढ़ धारणा थी कि शब्द से नहीं बल्कि आंतरिक साधना से ही सत्य की प्राप्ति हो सकती है। एक रात एक चोर उनके आश्रम में प्रवेश किया। जैसे ही पवहारी बाबा नींद से जागे, चोर सामान छोड़ कर भाग खड़ा हुआ। बाबा ने चोर का पीछा किया और उसे उन्होंने सारी चुराई सामान देने की कोशिश की। इस घटना का चोर के ऊपर बड़ा असर पड़ा और बाद में वह बाबा का अनुयायी बन गया।
http://books.google.com/books?id=ZLmFDRortS0C&pg=PA12
</ref> विनयशीलता और कल्याण की भावना के लिए विख्यात,पवहारी बाबा मितभाषी थे। उनकी यह दृढ़ धारणा थी कि शब्द से नहीं बल्कि आंतरिक साधना से ही सत्य की प्राप्ति हो सकती है। एक रात एक चोर उनके आश्रम में प्रवेश किया। जैसे ही पवहारी बाबा नींद से जागे, चोर सामान छोड़ कर भाग खड़ा हुआ। बाबा ने चोर का पीछा किया और उसे उन्होंने सारी चुराई सामान देने की कोशिश की। इस घटना का चोर के ऊपर बड़ा असर पड़ा और बाद में वह बाबा का अनुयायी बन गया।
 
=== स्वामी विवेकानंद की भेंट ===
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=== सन्दर्भ ===
1. स्वामी विवेकानंद पवहारी बाबा (हिंदी अनुवादक - स्वामी व्योमरूपानंद, १९९७). श्री रामकृष्ण मठ, नागपुर, महाराष्ट्र, भारत.
2. Complete Works of Swami Vivekananda (obtained from): https://web.archive.org/web/20151209232756/http://www.ramakrishnavivekananda.info/vivekananda/complete_works.htm
 
3. Sketch of the Life of Pavhari Baba (obtained from):http://www.webcitation.org/6H84kCq1X