"पीपाजी": अवतरणों में अंतर

छो 2405:205:1083:C862:0:0:2975:48A5 (वार्ता) के 1 संपादन वापस करके Dr.Vishal Girish Bhatiके अंतिम अवतरण को स्थापित किया (ट्विंकल)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1
पंक्ति 3:
 
==JAY RAJPUTANA ==
भक्तराज पीपाजी का जन्म विक्रम संवत १३८० में [[राजस्थान]] में [[कोटा]] से ४५ मील पूर्व दिशा में [[गागरौन दुर्ग|गागरोन]] में हुआ था।<ref>{{cite web |title=हमारे संत/ पीपा जी |url=http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/tayaarinews/article1-story-67-67-199583.html |publisher= लाइव हिन्दुस्तान |date=७ नवम्बर २०११ |accessdate=२७ जुलाई २०१५ |author=विश्वनाथ सिंह |archive-url=https://web.archive.org/web/20160916161025/http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/tayaarinews/article1-story-67-67-199583.html |archive-date=16 सितंबर 2016 |url-status=live }}</ref> वे चौहान गौत्र की खींची वंश शाखा के प्रतापी राजा थे। सर्वमान्य तथ्यों के आधार पर [[पीपाजी|पीपानन्दाचार्य जी]] का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिम, बुधवार विक्रम संवत १३८० तदनुसार दिनांक २३ अप्रैल १३२३ को हुआ था। उनके बचपन का नाम प्रतापराव खींची था। उच्च राजसी शिक्षा-दीक्षा के साथ इनकी रुचि आध्यात्म की ओर भी थी, जिसका प्रभाव उनके साहित्य में स्पष्ट दिखाई पड़ता है। किवदंतियों के अनुसार आप अपनी कुलदेवी से प्रत्यक्ष साक्षात्कार करते थे व उनसे बात भी किया करते थे।
 
पिता के देहांत के बाद संवत १४०० में आपका गागरोन के राजा के रूप में राज्याभिषेक हुआ। अपने अल्प राज्यकाल में पीपाराव जी द्वारा फिरोजशाह तुगलक, मलिक जर्दफिरोज व लल्लन पठान जैसे योद्धाओं को पराजित कर अपनी वीरता का लोहा मनवाया। आपकी प्रजाप्रियता व नीतिकुशलता के कारण आज भी आपको गागरोन व मालवा के सबसे प्रिय राजा के रूप में मान सम्मान दिया जाता है।