"पुनर्जन्म": अवतरणों में अंतर

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'''अर्थात'''-श्रीभगवान बोले- हे अर्जुन ! मेरे और तेरे अनेक जन्म हो चुके हैं; उन सबको मैं जानता हूँ, किंतु हे परंतप ! तू (उन्हें) नहीं जानता।
 
इसमें श्रीकृष्ण ने पुनर्जन्म के सिद्धांत का प्रतिपादन किया है और स्वयं (कृष्ण) को अपने पिछले कई जन्मों की जानकारी होने की बात भी रखी है।<ref>{{cite book|first1=महर्षि वेद|last1=व्यास|title=श्रीमद्भगवद्गीता|date=पौराणिक काल|location=भारत|page=अध्याय ४, श्लोक संख्या ५|url=http://www.aboutdays.com/geeta/bhagavad-gita-chapter-4-34.html#gsc.tab=0|language=संस्कृत|access-date=25 जनवरी 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180125135120/http://www.aboutdays.com/geeta/bhagavad-gita-chapter-4-34.html#gsc.tab=0|archive-date=25 जनवरी 2018|url-status=live}}</ref>
 
==सन्दर्भ==