"प्रदीप (गीतकार)": अवतरणों में अंतर

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'''कवि प्रदीप''' (६ फ़रवरी १९१५ - ११ दिसम्बर १९९८) [[भारतीय]] कवि एवं गीतकार थे जो देशभक्ति गीत ''[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]'' की रचना के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की श्रद्धांजलि में ये गीत लिखा था। [[लता मंगेशकर]] द्वारा गाए इस गीत का तत्कालीन प्रधानमंत्री [[जवाहरलाल नेहरू]] की उपस्थिति में 26 जनवरी 1963 को [[दिल्ली]] के रामलीला मैदान में सीधा प्रसारण किया गया।<ref name=hind>[https://archive.is/20121206033838/www.hindustantimes.com/StoryPage/FullcoverageStoryPage.aspx?sectionName=CinemaSectionPage&id=59256d12-8044-47ae-9283-6976d71991d8Indiaturns61_Special&&Headline=Unforgettable+songs+of+national+fervour हिन्दुस्तान टाइम्स: राष्ट्रीय उत्साह के यादगार गीत, १४ अगस्त २००८, कुशाल]</ref> गीत सुनकर जवाहरलाल नेहरू के आंख भर आए थे।<ref name=diff>[{{Cite web |url=http://www.rediff.com/news/1998/dec/11kavi.htm |title=रेडिफ.कॉम: राष्ट्रीय गीत के नायक, ८४ वर्ष के कवि प्रदीप का निधन] |access-date=16 मार्च 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100411055730/http://www.rediff.com/news/1998/dec/11kavi.htm |archive-date=11 अप्रैल 2010 |url-status=live }}</ref> कवि प्रदीप ने इस गीत का राजस्व युद्ध विधवा कोष में जमा करने की अपील की। [[मुंबई उच्च न्यायालय]] ने 25 अगस्त 2005 को संगीत कंपनी एचएमवी को इस कोष में अग्रिम रूप से {{INR}}10 लाख जमा करने का आदेश दिया। <ref>[http://www.screenindia.com/old/fullstory.php?content_id=11163 स्क्रीन: ‘ऐ मेरे वतन के लोगों...’ न्यायिक संघर्ष समाप्त, १६ सितंबर २००५]</ref>.
 
== परिचय ==
कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। उनका जन्म मध्य प्रदेश प्रांत के उज्जैन में बड़नगर नामक स्थान में हुआ। कवि प्रदीप की पहचान 1940 में रिलीज हुई फिल्म ''बंधन'' से बनी। हालांकि 1943 की स्वर्ण जयंती हिट फिल्म ''किस्मत'' के गीत "दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है" ने उन्हें देशभक्ति गीत के रचनाकारों में अमर कर दिया। गीत के अर्थ से क्रोधित तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए। इससे बचने के लिए कवि प्रदीप को भूमिगत होना पड़ा.<ref name=diff/>.
 
पांच दशक के अपने पेशे में कवि प्रदीप ने 71 फिल्मों के लिए 1700 गीत लिखे.<ref name=ind>{{cite news|url=http://www.independent.co.uk/arts-entertainment/obituary-kavi-pradeep-1191518.html|title=श्रद्धांजली: कवि प्रदीप|accessdate=१४-मई-२०११|location=लंदन|work=दि इंडिपेंडेंट|first=कुलदीप सिंह |last=|date=१५ दिसम्बर १९९८|archive-url=https://web.archive.org/web/20140226214345/http://www.independent.co.uk/arts-entertainment/obituary-kavi-pradeep-1191518.html|archive-date=26 फ़रवरी 2014|url-status=live}}</ref> उनके देशभक्ति गीतों में, फिल्म ''[[बंधन (1940 फ़िल्म)|बंधन]]'' (1940) में "चल चल रे नौजवान", फिल्म ''[[जागृति (1954 फ़िल्म)|जागृति]]'' (1954) में "आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं", "दे दी हमें आजादी बिना खडग ढाल" और फिल्म ''[[जय संतोषी मां]]'' (1975) में "यहां वहां जहां तहां मत पूछो कहां-कहां" है। इस गीत को उन्होंने फिल्म के लिए स्वयं गाया भी था।<ref>[{{Cite web |url=http://www.earthmusic.net/hindi-film-songs.php?searchtype=movie&movie=Jai+Santoshi+Ma |title=''जय संतोषी मां'' (१९७५) के गीत] |access-date=16 मार्च 2010 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110720031405/http://www.earthmusic.net/hindi-film-songs.php?searchtype=movie&movie=Jai+Santoshi+Ma |archive-date=20 जुलाई 2011 |url-status=live }}</ref><ref>[http://www.indianexpress.com/res/web/pIe/ie/daily/19981211/34650694.html इंडियन एक्सप्रेस: प्रसिद्ध गीतकार व राष्ट्र कवि प्रदीप का निधन, ११ दिसम्बर १९९८]</ref>.
 
आपने हिंदी फ़िल्मों के लिये कई यादगार गीत लिखे। भारत सरकार ने उन्हें सन 1997-98 में [[दादा साहब फाल्के सम्मान|दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] से सम्मानित किया।
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://archive.is/20130112222556/http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA कविताकोश पर प्रदीप]
* [httphttps://wwwweb.archive.org/web/20100128221639/http://prabhatkhabar.com/news/23377.aspx राष्ट्रीय एकता में देशभक्ति गीतों की महत्ता शुरू से]
* [http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2008/12/printable/081211_kavi_pradeep.shtml कवि प्रदीप: सिनेमा से आम जन तक पहुँचे ] (बीबीसी)