"भारतीय गैण्डा": अवतरणों में अंतर

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इतिहास में भारतीय गैण्डा [[भारतीय उपमहाद्वीप]] के सम्पूर्ण उत्तरी इलाके में पाया जाता था जिसे [[सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान]] कहते हैं। यह [[सिन्धु]], [[गंगा]] तथा [[ब्रह्मपुत्र]] नदियों के मैदानी क्षेत्रों में, [[पाकिस्तान]] से लेकर भारतीय-[[बर्मा]] सरहद तक पाया जाता था और इसके आवासीय क्षेत्र में [[नेपाल]], आज का [[बांग्लादेश]] और [[भूटान]] भी शामिल थे। ऐसा माना जाता है कि यह [[बर्मा]], दक्षिणी [[चीन]] तथा [[इंडोचाइना]] में भी विचरण करता हो लेकिन यह सिद्ध नहीं हो पाया है। यह जाति सन् १६०० तक उत्तर-पश्चिमी भारत और पाकिस्तान में आसानी से देखी जा सकती थी, लेकिन इसके तुरन्त बाद इस इलाके से विलुप्त हो गई। अपने अन्य आवासीय क्षेत्रों में भी यह सन् १६०० से १९०० तक तेज़ी से घटे और बीसवीं सदी की शुरुआत में यह विलुप्तता की कगार में खड़ा था।<ref name="iucn"/>
 
एक अनुमान के मुताबिक आज जंगली हालात में केवल ३००० से कुछ अधिक भारतीय गैण्डे बचे हैं जिसमें से लगभग २००० तो केवल भारत के [[असम]] में ही पाये जाते हैं।<ref name="sarma2009">{{cite journal|last1= Sarma|first1= P.K.|last2= Talukdar|first2= B.K.|last3= Sarma|first3= K.|last4= Barua|first4= M.|year= 2009|url= http://www.pachydermjournal.org/index.php/pachy/article/viewArticle/135|title= ''Assessment of habitat change and threats to the greater one-horned rhino (''Rhinoceros unicornis'') in Pabitora Wildlife Sanctuary, Assam, using multi-temporal satellite data''|editor= Pachyderm No. 46|volume= July–December 2009|pages= 18–24|accessdate= २२/१०/२०१२|journal= |archive-url= https://web.archive.org/web/20170210071604/http://www.pachydermjournal.org/index.php/pachy/article/viewArticle/135|archive-date= 10 फ़रवरी 2017|url-status= dead}}</ref>
 
== विशेषता ==