"मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर": अवतरणों में अंतर
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'''मीनाक्षी सुन्दरेश्वरर मन्दिर''' या '''मीनाक्षी अम्मां मन्दिर''' या केवल '''मीनाक्षी मन्दिर''' ({{lang-ta|'''மீனாக்ஷி அம்மன் கோவில்'''}}) [[भारत]] के [[तमिल नाडु]] राज्य के [[मदुरई]] नगर, में स्थित एक ऐतिहासिक मन्दिर है। यह [[हिन्दू]] देवता [[शिव]] (“‘सुन्दरेश्वरर”’ या सुन्दर ईश्वर के रूप में) एवं उनकी भार्या देवी [[पार्वती]] ('''[[मीनाक्षी]]''' या मछली के आकार की आंख वाली देवी के रूप में) दोनो को समर्पित है। यह ध्यान योग्य बात है कि मछली [[पांड्य]] राजाओं का राजचिह्न था। यह मन्दिर तमिल भाषा के गृहस्थान 2500 वर्ष पुराने मदुरई नगर<ref>{{cite web
|url = http://india.gov.in/knowindia/meenakshi.php
|title = भारतीय विरासत - मीनाक्षी मन्दिर, मदुरई
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20080331015910/http://india.gov.in/knowindia/meenakshi.php
|archive-date = 31 मार्च 2008
|url-status = dead
}}</ref>, की जीवनरेखा है।
हिन्दु पौराणिक कथानुसार भगवान शिव सुन्दरेश्वरर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरई नगर में आये थे। मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी [[पार्वती]] के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है।
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इस मन्दिर का स्थापत्य एवं वास्तु आश्चर्यचकित कर देने वाला है, जिस कारण यह [[विश्व के सात आश्चर्य#नये सात आश्चर्य|आधुनिक विश्व के सात आश्चर्यों]] की सूची में प्रथम स्थान पर स्थित है, एवं इसका कारण इसका विस्मयकारक स्थापत्य ही है।<ref>{{cite web
|url = http://www.new7wonders.com/fileadmin/resources/77_Top_NOMINEES.pdf
|title = सर्वोच्च 77 प्रत्याशी
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20070927002611/http://www.new7wonders.com/fileadmin/resources/77_Top_NOMINEES.pdf
|archive-date = 27 सितंबर 2007
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}}</ref><ref>{{cite web
|url = http://www.thehindubusinessline.com/2005/02/13/stories/2005021300761600.htm
|title = मीनाक्षी मन्दिर, विश्व का एक आश्वर्य?
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20080830064130/http://www.thehindubusinessline.com/2005/02/13/stories/2005021300761600.htm
|archive-date = 30 अगस्त 2008
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}}</ref><ref>{{cite web
|url = http://www.dawn.com/2005/07/07/fea.htm#3
|title = दक्षिण भारत ने इस मन्दिर का प्रचार ‘जीवित’ आश्चर्य रूप में किया
|access-date = 15 मई 2008
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|archive-date = 25 जुलाई 2008
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}}</ref><ref>{{cite web
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|title = लोकप्रिय मांग: मीनाक्षी मन्दिर सात आश्चर्यों की दौड़ में
|access-date = 15 मई 2008
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|archive-date = 27 सितंबर 2007
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}}</ref>
इस इमारत समूह में 12 भव्य '''[[गोपुरम]]''' हैं, जो अतीव विस्तृत रूप से शिल्पित हैं। इन पर बडी़ महीनता एवं कुशलतापूर्वक रंग एवं चित्रकारी की गई है, जो देखते ही बनती है। यह मन्दिर तमिल लोगों का एक अति महत्वपूर्ण द्योतक है, एवं इसका वर्णन तमिल साहित्य में पुरातन काल से ही होता रहा है। हालांकि वर्तमान निर्माण आरम्भिक सत्रहवीं शताब्दी का बताया जाता है।
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[[चित्र:Meenakshi-marriage.jpg|thumb|200px|right|देवी पार्वती का हाथ भगवान शिव के हाथों में देते हुए (पाणिग्रहण संस्कार करते हुए) देवी के भ्राता भगवान विष्णु (बाएं से: विष्णु, मीनाक्षी, शिव)]] हिन्दू आलेखों के अनुसार, भगवान शिव पृथ्वी पर [सुन्दरेश्वरर] रूप में स्वयं देवी पार्वती पृथ्वी पर [मिनाक्षी] से विवाह रचाने अवतरित हुए। देवी पार्वती ने पूर्व में पाँड्य राजा मलयध्वज, मदुरई के राजा की घोर तपस्या के फलस्वरूप उनके घर में एक पुत्री के रूप में अवतार लिया था।<ref name = "प्रदोषम">{{cite web
|url = http://www.pradosham.com/meena1.php
|title = MAKING OF THE MAGNIFICENT TEMPLE DEDICATED TO MEENAKSHI SUNDERESWARAR
|title = MAKING OF THE MAGNIFICENT TEMPLE DEDICATED TO MEENAKSHI SUNDERESWARAR }}</ref> वयस्क होने पर उसने नगर का शासन संभाला। तब भगवान आये और उनसे विवाह प्रस्ताव रखा, जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस विवाह को विश्व की सबसे बडी़ घटना माना गया, जिसमें लगभग पूरी पृथ्वी के लोग मदुरई में एकत्रित हुए थे। भगवान [[विष्णु]] स्वयं, अपने निवास [[बैकुण्ठ]] से इस विवाह का संचालन करने आये। ईश्वरीय लीला अनुसार [[इन्द्र]] के कारण उनको रास्ते में विलम्ब हो गया। इस बीच विवाह कार्य स्थानीय देवता कूडल अझघ्अर द्वारा संचालित किया गया। बाद में क्रोधित भगवान विष्णु आये और उन्होंने मदुरई शहर में कदापि ना आने की प्रतिज्ञा की। और वे नगर की सीम से लगे एक सुन्दर पर्वत अलगार कोइल में बस गये। बाद में उन्हें अन्य देवताओं द्वारा मनाया गया, एवं उन्होंने मीनाक्षी-सुन्दरेश्वरर का पाणिग्रहण कराया।▼
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20080511130226/http://www.pradosham.com/meena1.php
|archive-date = 11 मई 2008
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▲
यह विवाह एवं भगवान विष्णु को शांत कर मनाना, दोनों को ही मदुरई के सबसे बडे़ त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, जिसे '''चितिरई तिरुविझा''' या '''अझकर तिरुविझा''', यानि सुन्दर ईश्वर का त्यौहार
।<ref>{{cite web
| url = http://www.indiantemples.com/Tamilnadu/Madurai/festival1.html | title = "Madurai - Chitrai festival
| access-date = 15 मई 2008
| archive-url = https://web.archive.org/web/20080511201239/http://www.indiantemples.com/Tamilnadu/Madurai/festival1.html
| archive-date = 11 मई 2008
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}}</ref>
इस दिव्य युगल द्वारा नगर पर बहुत समय तक शासन किया गया। यह वर्णित नहीं है, कि उस स्थान का उनके जाने के बाद्, क्या हुआ? यह भी मना जाता है, कि [[इन्द्र]] को भगवान शिव की मूर्ति शिवलिंग रूप में मिली और उन्होंने मूल मन्दिर बनवाया। इस प्रथा को आज भी मन्दिर में पालन किया जाता है ― त्यौहार की शोभायात्रा में इन्द्र के वाहन को भी स्थान मिलता है।
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आधुनिक ढांचे का इतिहास सही सही अभी ज्ञात नहीं है, किन्तु तमिल साहित्य के अनुसार, कुछ शताब्दियों पहले का बताया जाता है। तिरुज्ञानसंबन्दर, प्रसिद्ध हिन्दु [[शैव]] मतावलम्बी संत ने इस मन्दिर को आरम्भिक सातवीं शती का बताया है औरिन भगवान को '''आलवइ इरैवान''' कह है।<ref name="आधिकारिक स्थल">{{cite web
|url = http://www.maduraimeenakshi.org
|title = आधिकारिक मन्दिर जालस्थल
|title = आधिकारिक मन्दिर जालस्थल}}</ref> इस मन्दिर में मुस्लिम शासक मलिक कफूर ने 1310 में खूब लूटपाट की थी।<ref name = "आधिकारिक स्थल"/> और इसके प्राचीन घटकों को नष्ट कर दिया। फिर इसके पुनर्निर्माण का उत्तरदायित्व [[आर्य नाथ मुदलियार]] (1559-1600 A.D.), मदुरई के प्रथम नायक के प्रधानमन्त्री, ने उठाया। वे ही 'पोलिगर प्रणाली' के संस्थापक थे। फिर तिरुमलय नायक, लगभग 1623 से 1659 का सर्वाधिक मूल्यवान योगदान हुआ। उन्होंने मन्दिर के वसंत मण्डप के निर्माण में उल्लेखनीय उत्साह दिखाया▼
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20080516025848/http://www.maduraimeenakshi.org/
|archive-date = 16 मई 2008
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== मन्दिर का ढाँचा ==
इस मन्दिर का गर्भगृह 3500 वर्ष पुराना<ref>{{cite web
{| class="wikitable"
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| सबसे कम
|-
|}<ref>{{Cite web |url=http://www.madurai.com/meena.htm |title=संग्रहीत प्रति |access-date=15 मई 2008 |archive-url=https://web.archive.org/web/20080513111113/http://www.madurai.com/meena.htm |archive-date=13 मई 2008 |url-status=live }}</ref>
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=== मन्दिर ===
शिव मन्दिर समूह के मध्य में स्थित है, जो देवी के कर्मकाण्ड बाद में अधिक बढने की ओर संकेत करता है। इस मन्दिर में शिव की [[नटराज]] मुद्रा भी स्थापित है। शिव की यह मुद्रा सामान्यतः नृत्य करते हुए अपना बांया पैर उठाए हुए होती है, परन्तु यहां उनका दांया पैर उठा है। एक कथा अनुसार राजा राजशेखर पांड्य की प्रार्थना पर भगवान ने अपनी मुद्रा यहां बदल ली थी। यह इसलिये था, कि सदा एक ही पैर को उठाए रखने से, उस पर अत्यधिक भार पडे़गा। यह निवेदन उनके व्यक्तिगत नृत्य अनुभव पर आधारित था<ref>{{cite web
|url = http://www.madurai.com/velli.htm
|title = Velliambalam
|title = Velliambalam}}</ref> यह भारी नटराज की मूर्ति, एक बडी़ चांदी की वेदी में बंद है, इसलिये इसे '''वेल्ली अम्बलम्''' (रजत आवासी) कहते हैं। इस गृह के बाहर बडे़ शिल्प आकृतियां हैं, जो कि एक ही पत्थर से बनी हैं। इसके साथ ही यहां एक वृहत [[गणेश]] मन्दिर भी है, जिसे '''मुकुरुनय विनायगर्''' कहते हैं। इस मूर्ति को मन्दिर के सरोवर की खुदाई के समय निकाला गया था।<ref name = "madurai.com"/> मीनाक्षी देवी का गर्भ गृह शिव के बांये में स्थित है। और इसका शिल्प स्तर शिव मन्दिर से निम्न है।▼
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20080521003855/http://www.madurai.com/velli.htm
|archive-date = 21 मई 2008
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{{clr}}
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'''पोत्रमरै कूलम''', पवित्र सरोवर 165 फ़ीट लम्बा एवं 120 फ़ीट चौड़ा है।<ref name="प्रदोषम"/> यह मन्दिर के भीतर भक्तों हेतु अति पवित्र स्थल है। भक्तगण मन्दिर में प्रवेश से पूर्व इसकी परिक्रमा करते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ है "स्वर्ण कमल वाला सरोवर" और अक्षरशः इसमें होने वाले कमलों का वर्ण भी सुवर्ण ही है। एक पौराणिक कथानुसार, भगवान शिव ने एक सारस पक्षी को यह वरदान दिया था, कि इस सरोवर में कभी भी कोई मछली या अन्य जलचर पैदा होंगे और ऐसा ही है भी।<ref>{{cite web
|url = http://www.maduraimeenakshi.org/templenew.php?link=theertham
|title = Temple theertham
|title = Temple theertham}}</ref> [[तमिल साहित्य|तमिल]] धारणा अनुसार, यह नए साहित्य को परखने का उत्तम स्थल है। अतएव लेखक यहां अपने साहित्य कार्य रखते हैं, एवं निम्न कोटि के कार्य इसमें डूब जाते हैं, एवं उच्च श्रेणी का साहित्य इसमें तैरता है, डूबता नहीं।.<ref name = "प्रदोषम"/><ref>{{cite web▼
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20120328234631/http://www.maduraimeenakshi.org/templenew.php?link=theertham
|archive-date = 28 मार्च 2012
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|url = http://www.digitalmadurai.com/madurai/history/sanga_thamizh.htm
|title = Sanga Thamizh
|access-date = 15 मई 2008
|archive-url = https://web.archive.org/web/20080509181530/http://www.digitalmadurai.com/madurai/history/sanga_thamizh.htm
|archive-date = 9 मई 2008
|url-status = dead
}}</ref>
{{Clr}
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== बाहरी कडि़यां ==
* [https://web.archive.org/web/20080516025848/http://www.maduraimeenakshi.org/ आधिकारिक जालस्थल]
*[http://prabhatkhabar.com/node/197079 विश्व के आश्चर्यो में शामिल है मीनाक्षी मंदिर]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}
* [https://web.archive.org/web/20121016062228/http://www.maduraitoday.com/ मदुरई टुडे : ओवरव्यू ऒफ़ मदुरई मीनाक्षी अम्मां टैम्पल]
*[https://web.archive.org/web/20080513212212/http://hinduism.about.com/library/weekly/aa052003a.htm ''About.com'' लेख]
*[https://web.archive.org/web/20080514065923/http://www.orientalarchitecture.com/madurai/srimeenakshiindex.htm मन्दिर का स्थापत्य एवं शिल्प दर्शाते चित्र]
* [http://www.tamilnation.org/culture/architecture/madurai.htm द्वविड़ मन्दिर स्थापत्य - मीनाक्षी अम्मां मन्दिर, मदुरई]
* [https://web.archive.org/web/20080914072619/http://www.pbase.com/oochappan/meenaksi मीनाक्षी मन्दिर चित्र दीर्घा]
*[https://web.archive.org/web/20080916085539/http://www.religiousportal.com/MeenakshiTemple.html मीनाक्षी मन्दिर के बारे में उपयोगी सूचना पढे़]
* [https://web.archive.org/web/20080513111113/http://www.madurai.com/meena.htm]
*[https://web.archive.org/web/20080505041738/http://www.indhistory.com/hindu-temple/hindu-temple-meenakshi-temple.html
*[https://web.archive.org/web/20080513181744/http://www.webindia123.com/tourism/pilgrim/meena.htm]
*[https://web.archive.org/web/20160305124246/http://iyatta.blogspot.com/2010/02/blog-post.html मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर] (हरिशंकर राढ़ी)
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