"मुकेश (गायक)": अवतरणों में अंतर

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[[मुम्बई]] आने के बाद इन्हें 1941 में "निर्दोष" फ़िल्म में बतौर एक्टर सिंगर पहला ब्रेक मिला।
इंडस्ट्री में शुरुआती दौर मुश्किलों भरा था। लेकिन [[कुन्दन लाल सहगल|के एल सहगल]] को इनकी आवाज़ बहुत पसंद आयी। इनके गाने को सुन के एल सहगल भी दुविधा में पड़ गये थे। 40 के दशक में मुकेश का अपना पार्श्व गायन शैली था। [[नौशाद]] के साथ उनकी जुगलबंदी एक के बाद एक सुपरहिट गाने दे रही थी। उस दौर में मुकेश की आवाज़ में सबसे ज़्यादा गीत [[दिलीप कुमार]] पर फ़िल्माए गये।
50 के दशक में इन्हें एक नयी पहचान मिली, जब इन्हें [[राज कपूर|राजकपूर]] की आवाज़ कहा जाने लगा। कई साक्षात्कार में खुद राज कपूर ने अपने दोस्त मुकेश के बारे में कहा है कि मैं तो बस शरीर हूँ मेरी आत्मा तो मुकेश है।<ref name = ibn>[http://m.khabar.ibnlive.com/news/bollywood/198643.html पढ़ें: सिंगर मुकेश के जीवन की अनकही 'कहानी'] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160822045557/http://m.khabar.ibnlive.com/news/bollywood/198643.html |date=22 अगस्त 2016 }} - [[न्यूज़ 18|आईबीएन7]], 23 अगस्त 2013 </ref>
 
पार्श्व गायक मुकेश को फ़िल्म इंडस्ट्री में अपना मकाम हासिल कर लेने के बाद, कुछ नया करने की चाह जगी और इसलिए इन्होंने फ़िल्म निर्माता (प्रोड्यूसर) बन गये। साल 1951 में फ़िल्म ‘मल्हार’ और 1956 में ‘अनुराग’ निर्मित की। अभिनय का शौक बचपन से होने के कारण ‘माशूका’ और ‘अनुराग’ में बतौर हीरो भी आये। लेकिन बॉक्स ऑफिस पर ये दोनों फ़िल्में फ्लॉप रहीं। कहते हैं कि इस दौर में मुकेश आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
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== बाहरी कड़ियाँ ==
=== अंग्रेज़ी में ===
* [httphttps://wwwweb.archive.org/web/20061205023545/http://singermukesh.com/ मुकेश को समर्पीत वेबसाइट]
* [https://web.archive.org/web/20071007120946/http://launch.groups.yahoo.com/group/singermukesh/ मुकेश को समर्पीत वेबग्रुप]
* [https://web.archive.org/web/20051223202253/http://www.geetmanjusha.com/hindi/singer/24.html मुकेशजी ने गाए हुए गीत]
 
{{फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार}}