"राजबहादुर 'विकल'": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Rajbahadur Vikal.JPG |thumb|right|200px|काव्यपाठ करते हुए विकल जी की एक भावमुद्रा]]
'''राजबहादुर 'विकल'''' (जन्म: 2 जुलाई 1924<ref>[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6819549.html]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}</ref> - म्रत्यु: 15 अक्टूबर 2009) वीर रस के सिद्धहस्त कवियों में थे। विकल उनका उपनाम था जिसका शाब्दिक अर्थ होता है बेचैन आत्मा। निस्संदेह उनके शरीर में किसी शहीद की बेचैन आत्मा प्रविष्ट हो गयीं थी। काकोरी शहीद इण्टर कालेज [[जलालाबाद (शाहजहाँपुर)]] में काफी समय तक अध्यापन करते रहने के कारण उन्हें '''विकल जलालाबादी''' के नाम से भी जाना जाता था।
'''राजबहादुर 'विकल'''' (जन्म: 2 जुलाई 1924<ref>[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6819549.html]
</ref> - म्रत्यु: 15 अक्टूबर 2009) वीर रस के सिद्धहस्त कवियों में थे। विकल उनका उपनाम था जिसका शाब्दिक अर्थ होता है बेचैन आत्मा। निस्संदेह उनके शरीर में किसी शहीद की बेचैन आत्मा प्रविष्ट हो गयीं थी। काकोरी शहीद इण्टर कालेज [[जलालाबाद (शाहजहाँपुर)]] में काफी समय तक अध्यापन करते रहने के कारण उन्हें '''विकल जलालाबादी''' के नाम से भी जाना जाता था।
"दुनिया मत पन्थ बने, इसका, अपने हाथों निपटारा है। रणभेरी के स्वर में गरजो, पूरा कश्मीर हमारा है।" इन पंक्तियों से अवाम को झकझोर कर रख देने वाले आग्नेय कवि राजबहादुर 'विकल' का जीवन-दीप सन् 2009 की [[दीपावली]] को उस समय बुझ गया जब पूरा देश रोशनी में नहा रहा था। उन्होंने 85 वर्ष का यशस्वी जीवन पाया।
 
== संक्षिप्त परिचय ==
'विकल' जी का जन्म 2 जुलाई सन 1924 को रायपुर गाँव में हुआ था। पिता सुन्दर लाल व माता सरस्वती देवी की तीसरी सन्तान सही मायनों में सरस्वती पुत्र साबित हुई। 11 वर्ष की अल्प आयु में पिता का साया उनके सिर से उठ गया। कुछ माह बाद ही माँ सरस्वती देवी भी उन्हें रोता बिलखता छोड़ इस संसार से विदा हो गयीं। दो भाई भी उनका साथ छोड़कर चल बसे। पेट की भूख मिटाने के लिए शहर आकर अखबार बांटने का काम शुरु किया। कुछ दिन उन्होंने गान्धी पुस्तकालय में नौकरी भी की। हिन्दी, उर्दू, संस्कृत, बांग्ला व अंग्रेजी भाषाओं के ज्ञाता विकल जी ने हिन्दी में स्नातकोत्तर व साहित्यरत्न की उपाधियाँ प्राप्त कीं। बाद में शिक्षक बनकर शिक्षार्थियों के कल्याण के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया जिसके सम्मान स्वरूप उन्हें '''शिक्षक संघर्ष सेनानी''' की उपाधि से नवाजा गया। काकोरी शहीद इण्टर कालेज जलालाबाद (जिला शाहजहाँपुर) में काफी समय तक अध्यापन-कार्य करने के बाद सेवानिवृत्त होकर वे [[शाहजहाँपुर]] में अपने बेटे के साथ रहने लगे थे। [[कवि सम्मेलन]] से अलग होने के बाद भी वे काव्य-गोष्ठियों में बराबर आते-जाते थे। 15 अक्टूबर 2009<ref>[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6819549.html]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}</ref> को दोपहर लगभग डेढ़ बजे [[बरेली]] के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया।
 
== काव्य-चेतना के स्वर ==
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'विकल' जी को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री [[मुलायम सिंह यादव]] द्वारा '''जनपद रत्‍‌न''' दिया गया वहीं एक अन्य पूर्व मुख्यमन्त्री [[राजनाथ सिंह]] ने '''तुलसी सम्मान''' से सम्मानित किया। उन्होंने जलालाबाद में '''पुरुषोत्तम आदर्श बालिका विद्यालय''' की स्थापना की थी।
== शासन को ललकार ==
[[कश्मीर]] में निरन्तर अशान्ति, नक्सलियों का बढ़ता हुआ प्रभाव, [[आतंकवाद]] का चौतरफा दबाव, [[चीन]] की सर्वग्रासी लिप्सा का कसता हुआ शिकंजा भी जब हमारे कर्णधारों की वोटवादी दृष्टि के कारण उन्हें चिन्तनमूढ़, निर्णय-अक्षम, परमुखापेक्षी देखता है तो बरबस ही राजबहादुर 'विकल' की निम्न ललकार भरी ओजस्वी वाणी<ref>[{{Cite web |url=http://panchjanya.com/arch/2010/9/26/File19.htm |title="पांचजन्य" में शिवओम अम्बर के लेख से] |access-date=17 मार्च 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121026001911/http://panchjanya.com/arch/2010/9/26/File19.htm |archive-date=26 अक्तूबर 2012 |url-status=live }}</ref> याद आती है जिसे उन्होंने मृत्यु से कुछ दिनों पूर्व ये शब्द दिये थे:
</ref> याद आती है जिसे उन्होंने मृत्यु से कुछ दिनों पूर्व ये शब्द दिये थे:
 
"सामर्थ्यहीन [[चाणक्य|कौटिल्य]], उतर सिंहासन से नीचे आओ; <br />
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== सन्दर्भ ==
* http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_6819549.html{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}
* [https://web.archive.org/web/20121026001911/http://panchjanya.com/arch/2010/9/26/File19.htm "इस रंग ने ही देश का इतिहास लिखा है" - शिवओम अम्बर का लेख]
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://web.archive.org/web/20110621001600/http://www.anubhuti-hindi.org/muktak/rajbahadur.htm "अनुभूति" पर राजबहादुर 'विकल' जलालाबादी के मुक्तक]
 
[[श्रेणी:कवि]]