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[[चित्र:Resin with insect (aka).jpg|thumb|230px|रेज़िन, जिसमें एक कीड़ा फँसा हुआ है]]
[[File:Protium Sp. MHNT.BOT.2016.24.54.jpg|thumb|''Protium Sp.”]]
'''राल''' या '''रेज़िन''' (<small>[[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: resin</small>) [[गोंद]] जैसा [[हाइड्रोकार्बन]] द्रव्य होता है जो वृक्षों की [[छाल]] और लकड़ी से निकलता है। अन्य पेड़ों की तुलना में [[चीड़]] जैसे [[कोणधारी]] (कॉनिफ़ॅरस) पेड़ों से रेज़िन अधिक मात्रा में निकलता है। रेज़िन का प्रयोग गोंद, लकड़ी की रोग़न (वार्निश), सुगंध और अगरबत्तियाँ बनाने के लिए सदियों से होता आया है। कभी-कभी रेज़िन जमकर पत्थरा जाता है और बड़े डलों का रूप ले लेता है जो समय के साथ ज़मीन में दफ़्न हो जाते हैं। लाखों साल बाद यह [[कहरुवा|कहरुवे]] (ऐम्बर) के नाम से बहुमूल्य पत्थरों की तरह निकाले जाते हैं और आभूषणों में इस्तेमाल होते हैं।<ref name="ref85jiduf">[http://books.google.com/books?id=fPTVAAAAMAAJ हिन्दी शब्दसागर, ९वां खंड] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140103001140/http://books.google.com/books?id=fPTVAAAAMAAJ |date=3 जनवरी 2014 }}, श्यामसुंदर दास, बालकृष्ण भट्ट, नागरीप्रचारिणी सभा, ''... कहरुवा नामक गोद जो बरमा की खानों से ...''</ref>
 
== संस्कृत में ==
[[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] में रेज़िन के लिए बहुत से शब्द प्रयोग होते थे। '[[अर्क|निर्यास]]' पेड़ों से उत्पन्न होने वाले किसी भी द्रव्य को कहते हैं जिनमें से एक रेज़िन है। सरल (स्प्रूस) के पेड़ों के रेज़िन को 'सरलद्रव' कहा जाता है। 'अराल' और 'द्रुमामय' भी रेज़िन के लिए प्रयोग होते हैं।<ref name="ref80lirud">[http://books.google.com/books?id=TY1BAAAAYAAJ A Sanskrit-English dictionary: based upon the St. Petersburg lexicons] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140103001125/http://books.google.com/books?id=TY1BAAAAYAAJ |date=3 जनवरी 2014 }}, Carl Cappeller, Luzac &amp; Co., 1891</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==