"सिकंदरा, आगरा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:LDAkbarTombCenter.jpg|right|thumb|300px|अकबर का मकबरा]]
'''सिकंदरा''' [[आगरा]] से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ का सबसे महत्वपूर्ण स्थान अकबर का मकबरा है। इसका निर्माण कार्य स्‍वयं अकबर ने शुरु करवाया था। यह मकबरा हिंदू, ईसाई, इस्‍लामिक, बौद्ध और जैन कला का सर्वोत्‍तम मिश्रण है। लेकिन इसके पूरा होने से पहले ही अकबर की मृत्‍यु हो गई। बाद में उनके पुत्र जहांगीर ने इसे पूरा करवाया। जहांगीर ने मूल योजना में कई परिवर्तन किए। इस इमारत को देखकर पता चलता है कि मुगल कला कैसे विकसित हुई। दिल्‍ली में हुमायूं का मकबरा, फिर अकबर का मकबरा और अंतत: ताजमहल, मुगलकला निरंतर विकसित होती रही।<ref>[http://www.hinduonnet.com/thehindu/mp/2003/10/27/stories/2003102700380200.htm Remembering the Great Emperor]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} [[द हिन्दू]], Oct 27, 2003.</ref>
 
सिकंदरा का नाम [[सिकंदर लोदी]] के नाम पर पड़ा। मकबरे के चारों कोनों पर तीन मंजिला मीनारें हैं। ये मीनारें लाला पत्‍थर से बनी हैं जिन पर संगमरमर का सुंदर काम किया गया है। मकबरे के चारों ओर खूबसूरत बगीचा है जिसके बीच में बरादी महल है जिसका निर्माण सिकंदर लोदी ने करवाया था। सिकंदरा से आगरा के बीच में अनेक मकबरे हैं और दो [[कोस मीनार]] भी हैं। पांच मंजिला इस मकबरे की खूबसूरती आज भी बरकरार है।