"हकीम अबुल कासिम फिरदौसी तुसी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है |
Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
||
पंक्ति 29:
फिरदौसी का 'शाहनामा' दरअसल ईरान का इतिहास ही नहीं ईरानी अस्मिता की पहचान है। उसमें प्राचीन ईरान की उपलब्धियों का बखान है। सम्राटों का इतिहास है। प्राचीन फ़ारसी ग्रंथों को नया रूप देकर उनको शामिल किया गया है। मिथक और इतिहास के सम्मिश्रण से एक अद्भुत प्रभाव उत्पन्न हुआ है। प्रेम, विद्रोह, वीरता, दुष्टता, मानवीयता, युद्ध, साहस के ऐसे उत्कृष्ट उदाहरण हैं जिन्होंने 'शाहनामा' को ईरानी साहित्य की अमर कृति बना दिया है। ईरानी साहित्य में '[[शाहनामा]]' जितनी तरह से जितनी बार छपा है उतना और कोई पुस्तक नहीं छपी है। फिरदौसी ने रुस्तम और सोहराब जैसे पात्र निर्मित किए हैं जो मानव-स्मृति का हिस्सा बन चुके हैं।
जैसा कि ईरानियों ने अपने बड़े कवियों के साथ किया है, फिरदौसी के मक़बरे के चारों ओर सुंदर बाग है। इधर-उधर उनकी प्रतिमाएं लगी हैं। संगमरमर पर उनकी कविता के विशेष प्रसंगों को उकेरा गया है।<ref name = "कवि का कर्ज़ा">[http://rachanakar.blogspot.com/2007/06/blog-post_07.html] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20110107212532/http://rachanakar.blogspot.com/2007/06/blog-post_07.html |date=7 जनवरी 2011 }} | accessdate=[[१२ जुलाई|12 जुलाई]], [[२००८|2008]]</ref>
== सन्दर्भ ==
|