"हमीदा हबीबुल्ला": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो बॉट: साँचा बदल रहा है: Infobox person |
Rescuing 4 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
||
पंक्ति 11:
}}
'''हमीदा हबीबुल्ला''' (20 नवंबर 1916 – 13 मार्च 2018) पूर्व राज्य सभा सदस्य, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वे भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त [[वजाहत हबीबुल्लाह]] की मां थीं। वे वर्ष 1969 से 1974 तक [[बाराबंकी]] (उ.प्र.) जिले की [[हैदरगढ़]] सीट से विधानसभा सदस्य रहीं और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहीं। वर्ष 1976-1982 तक वे राज्यसभा सदस्य भी रहीं।<ref>
==जीवन वृत्त==
हमीदा का जन्म [[लखनऊ ]] में हुआ था। उनके पिता नवाब नजीर यार जंग बहादुर हैदराबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। वे [[पुणे]] के खडकवासला में नैशनल डिफेंस अकादमी के संस्थापक कमांडेंट मेजर जनरल इनायत हबीबुल्ला की पत्नी थीं। वे पति की सेवानिवृत्ति के बाद 1965 में सक्रिय राजनीति में उतरीं और [[हैदरगढ़]] (बाराबांकी) से विधायक बनीं। तत्पश्चात 1971-1973 के बीच वे उत्तर प्रदेश की सामाजिक और हरिजन कल्याण राज्य मंत्री रहीं। वे 1976 से 1982 तक वह राज्यसभा की सदस्य भी रहीं। उनके बेटे आईएएस वजाहत हबीबुल्लाह भारत के पहले चीफ इंफॉरमेशन कमिशनर रहे हैं।<ref>{{Cite news|url=https://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-legendary-begum-hamida-habibullah-passes-away-at-age-of102-17656611.html|title=लखनऊ की शान बेगम हामिदा हबीबुल्लाह का 102 वर्ष की आयु में निधन|access-date=21 मार्च 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180313072423/https://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-legendary-begum-hamida-habibullah-passes-away-at-age-of102-17656611.html|archive-date=13 मार्च 2018|url-status=live}}</ref>
हामिदा लखनऊ की जानी-मानी शख्सियत थीं। उनका जीवन भारतीय महिलाओं खासकर अल्पसंख्यक महिला समुदाय को अपने तरीके से जीवन जीने और आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है। उनका जीवन भारतीय महिलाओं खासकर अल्पसंख्यक महिला समुदाय को अपने तरीके से जीवन जीने और आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है। सांसद और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुकीं बेगम ‘सेवा चिकनकारी’ की प्रमुख थी। इन सबसे बढ़कर वह प्रगतिशील भारतीय मुस्लिम महिला का एक प्रभावी चेहरा थी और लखनऊ की एक खास शख्सियत भी।
<ref>
==निधन==
वे लंबे समय से बीमार थी और [[लखनऊ]] के कमांड अस्पताल में 13 मार्च 2018 की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।<ref>
==संदर्भ==
|