"अयोध्या विवाद": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Ayodhya disputed site map.png|अंगूठाकार|विवदित स्थल का नक्शा]]
'''[[अयोध्या]]''' विवाद एक राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक विवाद है जो नब्बे के दशक में सबसे ज्यादा उभार पर था। इस विवाद का मूल मुद्दा [[राम जन्मभूमि]] और [[बाबरी मस्जिद]] की स्थिति को लेकर है।<ref>{{cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/india/2009/06/090630_ayodhya_timeline_ad_tc2|title=अयोध्या में कब-कब क्या हुआ?|access-date=19 जुलाई 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180722003853/https://www.bbc.com/hindi/india/2009/06/090630_ayodhya_timeline_ad_tc2|archive-date=22 जुलाई 2018|url-status=live}}</ref> विवाद इस बात को कर था कि क्या [[हिन्दू धर्म|हिंदू]] मंदिर को ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाया गया या मंदिर को मस्जिद के रूप में बदल दिया गया। बाबरी मस्जिद को एक राजनीतिक रैली के दौरान नष्ट कर दिया गया था, जो 6 दिसंबर 1992 को एक दंगे में बदल गया था। जो संगठन राम मंदिर के निर्माण का समर्थन कर रहे थे, उन्होंने 1992 के दिसंबर में एक कारसेवा का आयोजन किया वे राम मंदिर के निर्माण में श्रमदान के लिए संगठित हुए थे, बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भूमि शीर्षक का मामला दर्ज किया गया था, जिसका फैसला 30 सितंबर 2010 को सुनाया गया था। फैसले में, तीन न्यायाधीशों [[इलाहाबाद उच्च न्यायालय]] ने फैसला दिया कि [[अयोध्या]] की 2.77 एकड़ (1.12 हेक्टेयर) भूमि को तीन भागों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें 1⁄3 राम लला या [[अखिल भारतीय हिन्दू महासभा|हिन्दू महासभा]] द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाना था, 1⁄3 सुन्नी वक्फ बोर्ड और शेष 1⁄3 [[निर्मोही अखाड़ा]] को दिया जाना था।
 
9 नवंबर, 2019 को, मुख्य न्यायाधीश [[रंजन गोगोई]] की अध्यक्षता में [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सर्वोच्च न्यायालय]] ने पिछले फैसले को हटा दिया और कहा कि भूमि सरकार के कर रिकॉर्ड के अनुसार है। इसने [[हिन्दू मंदिर स्थापत्य|हिंदू मंदिर]] के निर्माण के लिए भूमि को एक ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया। इसने सरकार को [[मस्जिद]] बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया।
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== फैसला ==
अयोध्या विवाद जो कि [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सर्वोच्च न्यायालय]] मे लंबित था, उसका निर्णय पाँच जजों की मुख्य न्यायाधीश रजंन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा ९ नवंबर २०१९ को दिया गया।<ref name=":0">{{Cite web|url=https://www.bhaskar.com/national/news/ayodhya-ram-mandir-sc-verdict-faisla-live-updates-ram-janmabhoomi-babri-land-dispute-01682585.html|title=सुप्रीम कोर्ट का फैसला- विवादित जमीन पर राम मंदिर बने, मुस्लिमों को मस्जिद के लिए जमीन मिले|last=rohitashwa.mishra|date=2019-11-10|website=Dainik Bhaskar|language=hi|access-date=2019-11-09|archive-url=https://web.archive.org/web/20191109152338/https://www.bhaskar.com/national/news/ayodhya-ram-mandir-sc-verdict-faisla-live-updates-ram-janmabhoomi-babri-land-dispute-01682585.html|archive-date=9 नवंबर 2019|url-status=live}}</ref> इसके अन्तर्गत [[भारत के उच्च न्यायालयों की सूची|उच्च न्यायालय]] के फैसले को पलटते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने शिया वक्फ बोर्ड, और निर्मोही अखाड़ा की याचिका को खारिज कर दिया, एवं सून्नी वक्फ बोर्ड को वाद लगाने का अधिकारी नही माना गया। तत्पश्चात सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने 5-0 से एकमत होकर विवादित स्थल को मंदिर का स्थल मानते हुए, फैसला रामलला के पक्ष मे सुनाया। इसके अंतर्गत विवादित भूमि को [[राम जन्मभूमि]] माना गया और मस्जिद के लिये अयोध्या में 5 एकड़ ज़मीन देने का आदेश सरकार को दिया। अब वहां पर भव्य श्री राम मंदिर निर्माण होगा <ref name=":0" />
 
==इतिहास==