"आदिवासी संग्रहालय, पातालकोट": अवतरणों में अंतर
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[[मध्य प्रदेश]] के [[छिंदवाडा]] जिले में स्थित है, आदिवासी संग्रहालय। यह संग्रहालय २० अप्रैल १९५४ को खोला गया था<ref>{{Cite web |url=http://www.trdi.mp.gov.in/meseum.asp |title=संग्रहीत प्रति |access-date=17 जून 2017 |archive-url=https://web.archive.org/web/20170910224316/http://trdi.mp.gov.in/meseum.asp |archive-date=10 सितंबर 2017 |url-status=live }}</ref> और १९७५ में इसे "राज्य संग्रहालय" का दर्जा मिला। ८ सितंबर १९९७ को आदिवासी संग्रहालय का नाम बदलकर "श्री बादल भोई शासकीय आदिवासी संग्रहालय" कर दिया गया। यह सारे जनजातीय संग्रहालयों में सबसे पुराना है। इसमें १४ कक्ष, ३ गलियारे और २ खुले गलियारे हैं।
इसमें अविभाजित मध्यप्रदेश की लगभग ४६ जनजातियों की जीवन शैली, सांस्कृतिक धरोहर, प्रतीक चिह्नों और कला शिल्प को प्रदर्शित किया गया है जिनमें मुखौटे, अग्नि प्रज्वलन के साधन, देवी देवताओं की मूर्तियां, मृतक स्तंभ, कृषि उपकरण, पेंटिग्स, अस्त्र-शस्त्र, पोशाकें, कंघियां, जूते, खडाऊ, घास के सुनहरे आभूषण, विभिन्न जनजातियों के नृत्यों के माडल, मिट्टी के बरतन, वस्त्र निर्माण, फॉसिल, टोपी, ढोलक, खुदाई से प्राप्त प्रस्तर मूर्तियां, पाषाण युग के भित्ति चित्र, नृत्य प्रसाधन, वैवाहिक मुकुट आदि शामिल हैं। इनकी कुल संख्या २,२०० है। संग्रहालय में विशेष जनजातियों को पृथक केसों में माडल, चार्ट, पेंटिग्स व मानचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
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