"एड्स": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो unexplained addition/removal of unsourced huge text, Tendentious editing, wrong translations from other languages टैग: वापस लिया |
Rescuing 55 sources and tagging 1 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
||
पंक्ति 33:
'''उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण''' या '''एड्स''' ([[अंग्रेज़ी]]:एड्स) [[मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु]] [मा.प्र.अ.स.] (एच.आई.वी) संक्रमण के बाद की स्थिति है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक प्रतिरक्षण क्षमता खो देता है। एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है पर एड्स से पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं, के प्रति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधी शक्ति खो बैठता है क्योंकि एच.आई.वी (वह वायरस जिससे कि एड्स होता है) रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर आक्रमण करता है। एड्स पीड़ित के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता के क्रमशः क्षय होने से कोई भी अवसरवादी संक्रमण, यानि आम सर्दी जुकाम से ले कर क्षय रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं। एच.आई.वी. संक्रमण को एड्स की स्थिति तक पहुंचने में ८ से १० वर्ष या इससे भी अधिक समय लग सकता है। एच.आई.वी से ग्रस्त व्यक्ति अनेक वर्षों तक बिना किसी विशेष लक्षणों के बिना रह सकते हैं।
एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है यानी कि यह एक महामारी है। एड्स के संक्रमण के तीन मुख्य कारण हैं - असुरक्षित यौन संबंधो, रक्त के आदान-प्रदान तथा माँ से शिशु में संक्रमण द्वारा। [https://web.archive.org/web/20070312184838/http://www.nacoonline.org/ राष्ट्रीय उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण नियंत्रण कार्यक्रम] और [https://web.archive.org/web/20130526040247/http://www.unaids.org/] संयुक्त राष्ट्रसंघ उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण] दोनों ही यह मानते हैं कि भारत में ८० से ८५ प्रतिशत संक्रमण असुरक्षित विषमलिंगी/विषमलैंगिक यौन संबंधों से फैल रहा है<ref>{{cite web
== एड्स और एच.आई.वी में अंतर ==
पंक्ति 39:
== भारत में एड्स ==
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में हाल के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 14-16 लाख लोग एचआईवी / एड्स से प्रभावित है<ref>{{Cite web |url=http://www.bmj.com/content/340/bmj.c621 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=20 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121020122033/http://www.bmj.com/content/340/bmj.c621 |archive-date=20 अक्तूबर 2012 |url-status=live }}</ref>. हालांकि २००५ में मूल रूप से यह अनुमान लगाया गया था कि भारत में लगभग 55 लाख एचआईवी / एड्स से संक्रमित हो सकते थे। २००७ में और अधिक सटीक अनुमान भारत में एचआईवी / एड्स से प्रभावित लोगों कि संख्या को 25 लाख के आस-पास दर्शाती है। ये नए आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन और यू.एन.एड्स द्वारा समर्थित हैं<ref>{{Cite web |url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/6276398.stm |title=संग्रहीत प्रति |access-date=20 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121111130326/http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/6276398.stm |archive-date=11 नवंबर 2012 |url-status=live }}</ref>. संयुक्त राष्ट्र कि 2011 के एड्स रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों भारत में नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या में 50% तक की गिरावट आई है<ref>www.hindustantimes.com/India-sees-50-decline-in-new-hiv-infections-un-report/Article1-680333.aspx</ref>.
'''भारत में एड्स से प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या के संभावित कारण'''
पंक्ति 49:
== एड्स के लक्षण ==
ई.वी से संक्रमित लोगों में लम्बे समय तक एड्स के कोई लक्षण नहीं दिखते। दीर्घ समय तक (3, 6 महीने या अधिक)
एच.आई.वी भी औषधिक परीक्षा में नहीं उभरते। अक्सर एच.आधिकांशतः एड्स के मरीज़ों को ज़ुकाम या विषाणु बुखार हो जाता है पर इससे एड्स होने की पहचान नहीं होती। एड्स के कुछ प्रारम्भिक लक्षण हैं:<ref>
*
*
पंक्ति 60:
=== '''तीव्र संक्रमण''' ===
एचआईवी की प्रारंभिक अवधि जो कि उसके संक्रमण के बाद प्रारंभ होती है उसे तीव्र एच.आई.वी या प्राथमिक एच.आई.वी या तीव्र रेट्रोवायरल सिंड्रोम कहते हैं<ref>www.who.int/hiv/pub/guidelines/HIVstaging150307.pdf</ref>.कई व्यक्तियों में २ से ४ सप्ताह में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या मोनोंयुक्लिओसिस जैसी बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं और कुछ व्यक्तियों में ऐसे कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते. ४०% से ९०% मामलों में इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं जिसमे सबसे प्रमुख लक्षण बुखार, बड़ी निविदा लिम्फ नोड्स, गले की सूजन, चक्कते, सिर दर्द या मुँह और जननांगों के घाव आदि हैं<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=-HRJOElZch8C&pg=PA25#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=26 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130927080955/http://books.google.ca/books?id=-HRJOElZch8C&pg=PA25#v=onepage&q&f=false |archive-date=27 सितंबर 2013 |url-status=live }}</ref>. चक्कते २०%-५०% मामलों में दिखते हैं<ref>http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2915483/</ref>. कुछ लोगों में इस स्तर पर अवसरवादी संक्रमण भी विकसित हो जाता है। कुछ लोगों में जठरांत्र कि बीमारियाँ जैसे उल्टी, मिचली या दस्त और कुछ में परिधीय न्यूरोपैथी के स्नायविक लक्षण और जुल्लैन बर्रे सिंड्रोम जैसी बीमारियों के लक्षण दिखते हैं। लक्षण कि अवधि आम तौर पर एक या दो सप्ताह होती है। अपने विशिष्ट लक्षण न दिखने के कारण लोग इन्हें अक्सर एचआईवी का संक्रमण नहीं मानते. कई सामान्य संक्रामक रोगों के लक्षण इस बीमारी में दिखने के कारण अक्सर डॉक्टर और हॉस्पिटल में भी इस बीमारी का गलत निदान कर देते हैं। इसलिए यदि किसी रोगी को बिना किसी वजह के बार बार बुखार आता हो तो उसका एचआईवी परीक्षण करा लिया जाना चाहिए क्योकि या एच.आई.वी. संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है<ref>Mandell, Bennett, and Dolan (2010). Chapter 118.</ref>.
=== '''नैदानिक विलंबता''' ===
इस रोग के प्रारंभिक लक्षण के अगले चरण को नैदानिक विलंबता, स्पर्शोन्मुख एचआईवी या पुरानी एचआईवी कहते हैं<ref>{{Cite web |url=http://aids.gov/hiv-aids-basics/just-diagnosed-with-hiv-aids/hiv-in-your-body/stages-of-hiv/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121014004849/http://www.aids.gov/hiv-aids-basics/just-diagnosed-with-hiv-aids/hiv-in-your-body/stages-of-hiv/ |archive-date=14 अक्तूबर 2012 |url-status=live }}</ref>. उपचार के बिना एचआईवी संक्रमण का दूसरा चरण ३ साल से २० साल तक रह सकता है (औसतन ८ साल)<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=WauaC7M0yGcC&pg=PA29#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130927080957/http://books.google.ca/books?id=WauaC7M0yGcC&pg=PA29#v=onepage&q&f=false |archive-date=27 सितंबर 2013 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=xmFBtyPGOQIC&pg=PA19#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130927080949/http://books.google.ca/books?id=xmFBtyPGOQIC&pg=PA19#v=onepage&q&f=false |archive-date=27 सितंबर 2013 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=M4q3AyDQIUYC&pg=PA273#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130927080953/http://books.google.ca/books?id=M4q3AyDQIUYC&pg=PA273#v=onepage&q&f=false |archive-date=27 सितंबर 2013 |url-status=live }}</ref>. आम तौर पर इस चरान में कुछ या कोई लक्षण नहीं दिखते है जबकि इस चरण के अंत के कई लोगों को बुखार, वजन घटना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं और मांसपेशियों में दर्द अनुभव होता है<ref>{{Cite web |url=http://aids.gov/hiv-aids-basics/just-diagnosed-with-hiv-aids/hiv-in-your-body/stages-of-hiv/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121014004849/http://www.aids.gov/hiv-aids-basics/just-diagnosed-with-hiv-aids/hiv-in-your-body/stages-of-hiv/ |archive-date=14 अक्तूबर 2012 |url-status=live }}</ref>. लगभग ५०-७०% लोगों में ३-६ महीने के भीतर लासीका ग्रंथियों (जांघ कि बगल वाली लसीका ग्रंथियों के आलावा) में सूजन या विस्तार भी देखा जाता है<ref> Mandell, Bennett, and Dolan (2010). Chapter 121</ref>. हालाँकि HIV-1 से संक्रमित अधिकतर व्यक्तियों में पता लगाने योग्य एक वायरल लोड होता है लेकिन इलाज के आभाव में वह अंततः बढ़ कर एड्स में बदल जाता है जबकि कुछ मामलो (लगभग ५%) में बिना एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एड्स कि चिकित्सा पद्यति) के CD4+ T-कोशिकाएं ५ साल से अधिक शरीर में बनी रहती हैं<ref>Mandell, Bennett, and Dolan (2010). Chapter 118.</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20350494 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120718062920/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20350494 |archive-date=18 जुलाई 2012 |url-status=live }}</ref>. जिन व्यक्तियों में इस प्रकार के मामले सामने आते है उन्हें एचआईवी नियंत्रक या लंबी अवधि वृधिविहीन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और जिन व्यक्तियों में बिना रेट्रोवायरल विरोधी चिकित्सा के वायरल लोड कम या नहीं पता लगाने योग्य स्तर तक बना रहता है उन्हें अभिजात वर्ग का नियंत्रक या अभिजात वर्ग का दमन करने वाला कहते हैं<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20350494 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120718062920/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20350494 |archive-date=18 जुलाई 2012 |url-status=live }}</ref>.
=== '''एड्स''' ===
एड्स को दो प्रकार से परिभाषित किया गया है या तो जब CD4+ टी कोशिकाओं कि संख्या जब २०० कोशिकाएं प्रति μL से कम होती हैं या तो तब जबकि एचआईवी संक्रमण के कारण कोई रोग व्यक्ति के शरीर में उत्पन्न हो जाता है<ref>Mandell, Bennett, and Dolan (2010). Chapter 118.</ref>. विशिष्ट उपचार के अभाव में एचआईवी से संक्रमित आधे लोगों के अन्दर दस साल में एड्स विकसित हो जाता है<ref>Mandell, Bennett, and Dolan (2010). Chapter 118.</ref>. सबसे आम प्रारंभिक स्थिति जो कि एड्स की उपस्थिति को इंगित करती है वो है न्युमोसाईतिस निमोनिया (40%), कमजोरी जैसे कि वजन घटना, मांसपेशियों में खिचाव, थकान, भूख में कमी इत्यादि (२०%) और सोफागेल कैंडिडिआसिस (ग्रास नली का संक्रमण) होती है। इसके आलावा आम लक्षण में श्वास नलिका में कई बार संक्रमण होना भी है<ref>Mandell, Bennett, and Dolan (2010). Chapter 118.</ref>.
अवसरवादी संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी के कारण हो सकते हैं जो कि आम तौर पर हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा नियंत्रित हो जाते हैं<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/12594648 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120515112209/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/12594648 |archive-date=15 मई 2012 |url-status=live }}</ref>. भिन्न भिन्न व्यक्तियों में भिन्न भिन्न प्रकार के संक्रमण होते है जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के आस पास वातावरण में कौन से जीव या संक्रमण आम रूप से पाए जाते है<ref>Mandell, Bennett, and Dolan (2010). Chapter 118.</ref>. ये संक्रमण शरीर के हर अंग प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/21322514 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430184041/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/21322514 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>.
== एच.आई.वी. का प्रसार ==
पंक्ति 79:
=== मैथुन या सम्भोग द्वारा एच. आई. वी. संक्रमण ===
एचआईवी संक्रमण की सबसे ज्यादा विधा संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क के माध्यम से है। दुनिया भर में एच. आई. वी. प्रसार के मामलों के सबसे अधिक मामले विषमलैंगिक संपर्क (यानी विपरीत लिंग के लोगों के बीच यौन संपर्क जैसे कि पुरुष एवं स्त्री के बीच) के माध्यम से होते हैं। हालांकि, एच. आई. वी. प्रसार भिन्न भिन्न देशों में भिन्न भिन्न तरीकों से हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका में 2009 तक<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130730222154/http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |archive-date=30 जुलाई 2013 |url-status=live }}</ref>, सबसे अधिक एच. आई. वी. प्रसार उन समलैंगिक पुरुषों में हुआ जो कि सभी नए मामलों की 64% आबादी के बराबर थी<ref>{{Cite web |url=http://www.cdc.gov/hiv/topics/surveillance/resources/factsheets/us_overview.htm |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130501102910/http://www.cdc.gov/hiv/topics/surveillance/resources/factsheets/us_overview.htm |archive-date=1 मई 2013 |url-status=live }}</ref>.
असुरक्षित विषमलिंगी यौन संबंधो के मालमे में अनुमानतः प्रत्येक यौन सम्बन्ध में एचआईवी संक्रमण का जोखिम कम आय वाले देशों में उच्च आय वाले देशों कि तुलना से चार से दस गुना ज्यादा होता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19179227 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121106143649/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19179227 |archive-date=6 नवंबर 2012 |url-status=live }}</ref>. कम आय वाले देशों में संक्रमित महिला से पुरुष में संक्रमण का जोखिम ०.३८% है जबकि पुरुषों से महिला में संक्रमण का जोखिम ०.३०% है। उच्चा आय वाले देशो में यही जोखिम महिला से पुरुष में ०.०४% तथा पुरुष से महिला में ०.०८% है। गुदा सम्भोग द्वारा एच. आई. वी. संक्रमण का जोखिम विशेष रूप से ज्यादा होता है जो कि विषमलिंगी तथा समलिंगी दोनों प्रकार के यौन संबंधों में १.४-१.७% तक होता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19179227 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121106143649/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19179227 |archive-date=6 नवंबर 2012 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22819660 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430180139/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22819660 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. मुख मैथुन के द्वारा एच. आई. वी. संक्रमण का खतरा थोडा कम होता है लेकिन खत्म नहीं होता<ref>http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2904634/</ref>.
=== शरीर के संक्रमित तरल पदार्थ या ऊतकों द्वारा (रक्त संक्रमण या संक्रमित सुइयों के आदान-प्रदान) ===
एचआईवी के संक्रमण का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत रक्त और रक्त उत्पाद के द्वारा हैं<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130730222154/http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |archive-date=30 जुलाई 2013 |url-status=live }}</ref>. रक्त के द्वारा संक्रमण नशीली दवाओ के सेवन के दौरान सुइयों के साझा प्रयोग के द्वारा, संक्रमित सुई से चोट लगने पर, दूषित रक्त या रक्त उत्पाद के माध्यम से या उन मेडिकल सुइयों के माध्यम से जो एच. आई. वी. संक्रमित उपकरणों के साथ होते हैं। दवा के इंजेक्शन आपस में बाँट कर लगाने से इसके फ़ैलाने का जोखिम ०.६३-२.४% होता है, जोकि औसतन ०.८% होता है<ref>http://pt.wkhealth.com/pt/re/lwwgateway/landingpage.htm;jsessionid=QPWXJ1WlgqMNwqGPmbpQThmXhCbj7Q7Xl1cQ9tcLsmm8HLDnF0wJ!836243877!181195629!8091!-1?sid=WKPTLP:landingpage&an=00002030-200604040-00003</ref>. एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल की हुई सुई के माध्यम से एचआईवी होने का जोखिम 0.3% प्रतिशत होता है (३३३ में १) और श्लेष्मा झिल्ली के खून से संक्रमित होने का जोखिम ०.०९% होता है (१००० में १). संयुक्त राज्य अमेरिका में २००९ में १२% मामले ऐसे लोगों के आए हैं जो कि नसों में नशीली दवाओं का उपयोग करते थे<ref>{{Cite web |url=http://www.cdc.gov/hiv/topics/surveillance/resources/factsheets/us_overview.htm |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130501102910/http://www.cdc.gov/hiv/topics/surveillance/resources/factsheets/us_overview.htm |archive-date=1 मई 2013 |url-status=live }}</ref> और कुछ क्षेत्रों में नशीली दवाओं का सेवन करने वालों में से ८०% से ज्यादा लोग एचआईवी पोजिटिव मिले<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130730222154/http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |archive-date=30 जुलाई 2013 |url-status=live }}</ref>.
एच. आई. वी. संक्रमित रक्त का प्रयोग करने से संक्रमण का जोखिम ९३% तक होता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/16549963 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=30 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430194006/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/16549963 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. विकसित देशों में संक्रिमित रक्त से एचआईवी प्रसार का जोखिम बहुत ही कम है (५,००,००० बार में से १ बार से भी कम) क्योकि वह रक्त देने वाले व्यक्ति कि एच. आई. वी. जांच उसका रक्त लेने के पहले कि जाती है<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130730222154/http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |archive-date=30 जुलाई 2013 |url-status=live }}</ref>. ब्रिटेन में जोखिम औसतन पचास लाख में से १ से भी कम की है<ref>hospital.blood.co.uk/library/pdf/2011_Will_I_Need_English_v3.pdf</ref>. हालांकि, कम आय वाले देशों में रक्त का इस्तेमाल करने के पहले केवल आधे रक्त कि उचित रूप से जाँच होती है (२००८ के रिपोर्ट के अनुसार)<ref>UNAIDS 2011 pg. 60–70</ref>. यह अनुमान है कि इन क्षेत्रों में १५% एचआईवी संक्रमण का आधार रक्त या रक्त उत्पादों से होता है, जो कि वैश्विक संक्रमण का ५-१०% है<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130730222154/http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |archive-date=30 जुलाई 2013 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.who.int/inf-pr-2000/en/pr2000-25.html |title=संग्रहीत प्रति |access-date=30 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20050117092135/http://www.who.int/inf-pr-2000/en/pr2000-25.html |archive-date=17 जनवरी 2005 |url-status=live }}</ref>. उप सहारा अफ्रीका में एचआईवी के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका असुरक्षित चिकित्सा सुइयां निभाते हैं। २००७ में इस क्षेत्र में संक्रमण (१२-१७%) का कारण असुरक्षित चिकित्सा सुइयां ही थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार चिकित्सा सुइयों के द्वारा एच. आई. वी. संक्रमण का जोखिम अफ्रीका में १.२% मामलों में होता है<ref>http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2741434/</ref>. टैटू बनाने या बनवाने, खुरचने से भी सैद्धांतिक रूप संक्रमण का जोखिम बना रहता है लेकिन अभी तक किसी भी ऐसे मामले के पुष्टि नहीं हुई है। मच्छर या अन्य कीड़े कभी एचआईवी संचारित नहीं कर सकते हैं<ref>{{Cite web |url=http://www.rci.rutgers.edu/~insects/aids.htm |title=संग्रहीत प्रति |access-date=30 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131206190442/http://www.rci.rutgers.edu/~insects/aids.htm |archive-date=6 दिसंबर 2013 |url-status=dead }}</ref>.
=== माँ से बच्चे में एच. आई. वी. संक्रमण ===
एचआईवी माँ से बच्चे को गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के दौरान और स्तनपान के दौरान प्रेषित हो सकता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20954881 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=31 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430165414/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20954881 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.aids.gov/hiv-aids-basics/prevention/reduce-your-risk/fluids-of-transmission/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=31 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20140625071311/http://www.aids.gov/hiv-aids-basics/prevention/reduce-your-risk/fluids-of-transmission/ |archive-date=25 जून 2014 |url-status=live }}</ref>. एचआईवी दुनिया भर में फैलने का यह तीसरा सबसे आम कारण है<ref>{{Cite web |url=http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130730222154/http://books.google.ca/books?id=H4Sv9XY296oC&pg=PA745#v=onepage&q&f=false |archive-date=30 जुलाई 2013 |url-status=live }}</ref>. इलाज के आभाव में जन्म के पहले या जन्म के समय इसके संक्रमण का जोखिम २०% तक होता है और स्तनपान के द्वारा यही जोखिम ३५% तक होता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20954881 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=31 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430165414/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20954881 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. वर्ष २००८ तक बच्चो में एचआईवी का संक्रमण ९०% मामलों में माँ के द्वारा हुआ। उचित उपचार होने पर माँ से बच्च्चे को होने वाले संक्रमण को कम कर के यह जोखिम ९०% से १% तक लाया जा सकता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20954881 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=31 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430165414/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20954881 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. माँ को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान एंटीरेट्रोवाइरल दवा दे कर, वैकल्पिक शल्यक्रिया (आपरेशन) द्वारा प्रसव करके, नवजात शिशु को स्तनपान से न करा के तथा नवजात शिशु को भी एंटीरिट्रोवाइरल औषधियों कि खुराक देकर माँ से बच्चे में एच. आई. वी. का संक्रमण रोका जाता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/12810858 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=31 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120515112751/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/12810858 |archive-date=15 मई 2012 |url-status=live }}</ref>. हलांकि इनमें से कई उपाय अभी भी विकासशील देशों में नहीं हैं। यदि भोजन चबाने के दौरान संक्रमित रक्त भोजन को दूषित कर देता है तो यह भी एच. आई. वी. संचरण का जोखिम पैदा कर सकता है<ref>{{Cite web |url=http://www.cdc.gov/hiv/topics/basic/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=31 अक्तूबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121013080351/http://www.cdc.gov/hiv/topics/basic/ |archive-date=13 अक्तूबर 2012 |url-status=live }}</ref>.
== एड्स से कैसे बचें ==
* अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें। एक से अधिक व्यक्ति से यौनसंबंध ना रखें।
* यौन संबंध ([[मैथुन]]) के समय [[कंडोम]] का सदैव प्रयोग करें।
* यदि आप एच.आई.वी संक्रमित या एड्स ग्रसित हैं तो अपने जीवनसाथी से इस बात का खुलासा अवश्य करें। बात छुपाये रखनें तथा इसी स्थिती में यौन संबंध जारी रखनें से आपका साथी भी संक्रमित हो सकता है और आपकी संतान पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है<ref>{{Cite web |url=https://www.mtatva.com/hi/disease-facts/aids-prevention-and-complications-in-hindi/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 दिसंबर 2017 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171222111233/https://www.mtatva.com/hi/disease-facts/aids-prevention-and-complications-in-hindi/ |archive-date=22 दिसंबर 2017 |url-status=live }}</ref>।
* यदि आप एच.आई.वी संक्रमित या एड्स ग्रसित हैं तो रक्तदान कभी ना करें।
* रक्त ग्रहण करने से पहले रक्त का एच.आई.वी परीक्षण कराने पर ज़ोर दें।
पंक्ति 98:
=== '''यौन संपर्क''' ===
यौन संपर्क के दौरान कंडोम का लगातार इस्तेमाल एचआईवी संक्रमण के जोखिम को लगभग ८०% तक कम कर देता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22348628 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430194244/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22348628 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. जब जोड़ी में से एक साथी एचआईवी से संक्रमित है तब कंडोम का लगातार इस्तेमाल करने से असंक्रमित व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण होने कि संभावना प्रति वर्ष १% से कम हो जाती है<ref>{{Cite web |url=http://www.wpro.who.int/mediacentre/factsheets/fs_200308_Condoms/en/index.html |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121018145513/http://www.wpro.who.int/mediacentre/factsheets/fs_200308_Condoms/en/index.html |archive-date=18 अक्तूबर 2012 |url-status=live }}</ref>. इन बातों के भी प्रमाण मिले है कि महिलाओं का कंडोम इस्तेमाल करना भी पुरूषों के कंडोम इस्तेमाल करने के सामान सुरक्षा प्रदान करता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22348629 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430183736/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22348629 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. एक अध्ययन के अनुसार अफ्रीकी महिलाओं में सेक्स के तुरंत पहले तेनोफोविर नामक जेल का योनि पर इस्तेमाल करने से एच. आई. वी संक्रमण का जोखिम ४०% तक कम हुआ<ref>http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3266126/</ref>. जबकि इसके विपरीत स्पेर्मिसईद नोंओक्स्य्नोल ९ (spermicide nonoxynol 9) सक्रमण के जोखिम को बढ़ा देते हैं क्योंकि योनि और गुदा में जलन बढ़ाना इसकी अपनी प्रवृत्ति है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20205637 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430185412/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20205637 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. उप सहारा अफ्रीका में सुन्नत विषमलैंगिक पुरुषों में एच.आई.वी संक्रमण के दर को ३८%-६६% मामलों में २४ महीनों तक कम कर देता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19370585 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121114195720/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19370585 |archive-date=14 नवंबर 2012 |url-status=live }}</ref>. इन अध्यनों के आधार पर वर्ष २००७ में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यू.एन.एड्स ने महिला से पुरुष में एचआईवी संक्रमण से बचने का उपाय पुरुष खतना बताया था<ref>{{Cite web |url=http://www.who.int/mediacentre/news/releases/2007/pr10/en/index.html |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110126183014/http://www.who.int/mediacentre/news/releases/2007/pr10/en/index.html |archive-date=26 जनवरी 2011 |url-status=live }}</ref>. यधपि इससे पुरुष से महिला में संक्रमण को रोका जा सकता है यह विवादस्पद है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20622758 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120715181145/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20622758 |archive-date=15 जुलाई 2012 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19849961 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130206185235/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19849961 |archive-date=6 फ़रवरी 2013 |url-status=live }}</ref> और पुरुष खतना विकसित देशों में कारगर होगा या नहीं एवं समलैंगिक पुरुषों में इसका कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं ये बात अभी अनिर्धारित है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20844437 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120715190109/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20844437 |archive-date=15 जुलाई 2012 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19935420 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120715190127/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19935420 |archive-date=15 जुलाई 2012 |url-status=live }}</ref><ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/21678366 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20120929061759/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/21678366 |archive-date=29 सितंबर 2012 |url-status=live }}</ref>. कुछ विशेषज्ञों को डर है कि खतना पुरुषों के बीच असुरक्षा कि कम धारणा यौन जोखिम को बढ़ावा दे सकती है जो कि अपने निवारक प्रभाव को कम कर देती है<ref>http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2937204/</ref>. जिन महिलाओं का मादा जननांग कट चुका होता है उनमें एचआईवी कि वृद्धि का जोखिम बढ़ जाता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19065392 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121116194756/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19065392 |archive-date=16 नवंबर 2012 |url-status=live }}</ref>. यौन संयम को बताने वाले कार्यक्रम भी एचआईवी के बढते जोखिम प्रभावित करते नहीं दिखाई देते<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/17943855 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130114051258/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/17943855 |archive-date=14 जनवरी 2013 |url-status=live }}</ref>. स्कूल में व्यापक रूप से यौन शिक्षा देने पर इसके व्यापकता में कमी आ सकती है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/21251451 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430161754/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/21251451 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>. युवा लोगों का एक बड़ा समूह एचआईवी / एड्स के बारे में जानकारी होने के बावजूद भी इस प्रथा में संलग्न है कि वह खुद अपने को एचआईवी से संक्रमित होने के जोखिम को ये कम आँकता है<ref>{{Cite web |url=http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/18724961 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 नवंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130430160013/http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/18724961 |archive-date=30 अप्रैल 2013 |url-status=live }}</ref>.
== एड्स इन कारणों से नहीं फैलता ==
पंक्ति 124:
== एड्स ग्रस्त लोगों के प्रति व्यवहार ==
एड्स का एक बड़ा दुष्प्रभाव है कि समाज को भी संदेह और भय का रोग लग जाता है। यौन विषयों पर बात करना हमारे समाज में वर्जना का विषय रहा है। निःसंदेह शतुरमुर्ग की नाई इस संवेदनशील मसले पर रेत में सर गाड़े रख अनजान बने रहना कोई हल नहीं है। इस भयावह स्थिति से निपटने का एक महत्वपूर्ण पक्ष सामाजिक बदलाव लाना भी है। एड्स पर प्रस्तावित विधेयक<ref>{{cite web
== इन्हें भी देखें ==
पंक्ति 137:
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://web.archive.org/web/20171204181042/https://www.youtube.com/watch?v=izwomieBwG0 How a Sick Chimp Led to a Global Pandemic: The Rise of HIV]
* [https://web.archive.org/web/20110530005929/http://www.brandbharat.com/hindi/women/aids.html यौन सम्भोग से संक्रमित इन्फैक्शन एच आई वी और एड्स]
*[[Http://readerschowk.com/ajab-gajab-history-of-hiv-in-hindi/|एड्स{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} का इतिहास- जानिए कब, कहां और कैसे अस्तित्व में आई यह बीमारी]]
[[श्रेणी:यौन रोग]]
|