"औरंगज़ेब": अवतरणों में अंतर

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औरंगज़ेब के शासन में [[मुग़ल साम्राज्य]] अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में [[दक्षिण भारत]] में प्राप्त विजयों के जरिये [[मुग़ल साम्राज्य]] को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था।
 
औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला [[मुसलमान]] शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। <ref>{{cite web|url=https://scroll.in/article/856178/aurangzeb-was-a-bigot-not-just-by-our-standards-but-by-those-of-his-predecessors-and-peers|title=Aurangzeb was a bigot not just by our standards but also by those of his predecessors and peers|access-date=1 नवंबर 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20171101095918/https://scroll.in/article/856178/aurangzeb-was-a-bigot-not-just-by-our-standards-but-by-those-of-his-predecessors-and-peers|archive-date=1 नवंबर 2017|url-status=live}}</ref> और सिखों के [[गुरु तेग़ बहादुर]] को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था।
 
== शुरूआती जीवन ==
औरंगज़ेब का जन्म 3 नवम्बर १६१८ को दाहोद, [[गुजरात]] में हुआ था।<ref>{{cite web|url=http://www.dnaindia.com/ahmedabad/report-aurangzeb-loved-dahod-till-the-end-1682952|title=Aurangzeb loved Dahod till the end|access-date=3 नवंबर 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20180915174549/https://www.dnaindia.com/ahmedabad/report-aurangzeb-loved-dahod-till-the-end-1682952|archive-date=15 सितंबर 2018|url-status=live}}</ref> वो [[शाह जहाँ|शाहजहाँ]] और [[मुमताज़ महल]] की छठी संतान और तीसरा बेटा था। उसके पिता उस समय [[गुजरात]] के सूबेदार थे। जून १६२६ में जब उसके पिता द्वारा किया गया विद्रोह असफल हो गया तो औरंगज़ेब और उसके भाई [[दारा शिकोह|दारा शूकोह]] को उनके दादा [[जहाँगीर]] के लाहौर वाले दरबार में नूर जहाँ द्वारा बंधक बना कर रखा गया। २६ फ़रवरी १६२८ को जब [[शाह जहाँ|शाहजहाँ]] को [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल सम्राट]] घोषित किया गया तब औरंगज़ेब [[आगरा]] किले में अपने माता पिता के साथ रहने के लिए वापस लौटा। यहीं पर औरंगज़ेब ने [[अरबी]] और [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] की औपचारिक [[शिक्षा]] प्राप्त की।
 
== सत्तासन ==
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== औरंगजेब के प्रशासन में हिंदू ==
औरंगजेब के प्रशासन में दूसरे मुगल बादशाह से ज्यादा हिंदू नियुक्त थे और [[शिवाजी]] भी इनमें शामिल थे। मुगल इतिहास के बारे में यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि दूसरे बादशाहों की तुलना में औरंगजेब के शासनकाल में सबसे ज्यादा हिंदू प्रशासन का हिस्सा थे। ऐतिहासिक तथ्य बताते हैं कि औरंगजेब के पिता शाहजहां के शासनकाल में सेना के विभिन्न पदों, दरबार के दूसरे अहम पदों और विभिन्न भौगोलिक प्रशासनिक इकाइयों में हिंदुओं की तादाद 24 फीसदी थी जो औरंगजेब के समय में 33 फीसदी तक हो गई थी। एम अथर अली के शब्दों में कहें तो यह तथ्य इस धारणा के विरोध में सबसे तगड़ा सबूत है कि बादशाह हिंदू मनसबदारों के साथ पक्षपात करता था।<ref name="Satyagraha">{{Cite news|url=https://satyagrah.scroll.in/article/16718/was-the-aurangzeb-most-evil-ruler-in-indian-history|title=पांच तथ्य जो इस धारणा को चुनौती देते हैं कि औरंगजेब हिंदुओं के लिए सबसे बुरा शासक था|last=दानियाल|first=शोएब|work=सत्याग्रह|access-date=2018-05-21|language=hi-IN|archive-url=https://web.archive.org/web/20180517195552/http://satyagrah.scroll.in/article/16718/was-the-aurangzeb-most-evil-ruler-in-indian-history|archive-date=17 मई 2018|url-status=live}}</ref>
 
औरंगजेब की सेना में वरिष्ठ पदों पर बड़ी संख्या में कई [[राजपूत]] नियुक्त थे। मराठा और सिखों के खिलाफ औरंगजेब के हमले को धार्मिक चश्मे से देखा जाता है लेकिन यह निष्कर्ष निकालते वक्त इस बात की उपेक्षा कर दी जाती है कि तब युद्ध क्षेत्र में मुगल सेना की कमान अक्सर राजपूत सेनापति के हाथ में होती थी। इतिहासकार यदुनाथ सरकार लिखते हैं कि एक समय खुद शिवाजी भी औरंगजेब की सेना में मनसबदार थे। कहा जाता है कि वे दक्षिण भारत में मुगल सल्तनत के प्रमुख बनाए जाने वाले थे लेकिन उनकी सैन्य कुशलता को भांपने में नाकाम रहे औरंगजेब ने इस नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी।