"कनॉट प्लेस": अवतरणों में अंतर
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== इतिहास ==
निर्माण से पहले यह क्षेत्र एक कटक (रिज) था, जिसमें ''[[बबूल|कीकर]]'' के पेड़ लगे रहते थे। यह वन्य इलाका जंगली शूकरों, गीदड़ जैसी प्रजातियों का प्राकृतिक आवास था, यहाँ कश्मीरी गेट, सिविल लाइन्स इलाके के निवासी सप्ताहान्तों में तीतरों के शिकार के लिए आया करते थे।<ref name="ht">{{cite news|url=http://www.hindustantimes.com/CP-s-blueprint-Bath-s-Crescent/Article1-659739.aspx|title=CP's blueprint: Bath's Crescent|date=8 फ़रवरी 2011|work=हिन्दुस्तान टाइम्स|access-date=13 अक्तूबर 2013|archive-url=https://archive.is/20130103040022/http://www.hindustantimes.com/CP-s-blueprint-Bath-s-Crescent/Article1-659739.aspx|archive-date=3 जनवरी 2013|url-status=live}}</ref> इसके अलावा यहाँ स्थित प्राचीन हनुमान मन्दिर के दर्शन करने पुराने शहर से लोग, मंगलवारों और शनिवारों को आया करते थे, जो सूर्यास्त से पहले ही आया करते थे क्योंकि उन दिनों वह मार्ग रात को गुजरने के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता था।<ref name="ht"/> बाद में माधोगंज, जयसिंहपुरा और राजा का बाज़ार जैसे गाँवों के निवासियों से क्षेत्र खाली करवाकर कनाट प्लेस व निकटस्थ इलाके बनाये गये। यहाँ के लोगों को करोल बाग (पश्चिम को) स्थानांतरित किया गया, जो उस समय खुद एक पथरीला इलाका था और वहाँ पेड़ तथा जंगली झाड़ियाँ थीं।<ref>{{cite news
== नगरीय व्यवस्था ==
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<references/>
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://web.archive.org/web/20071130080925/http://www.tourism-delhi.info/cp.html - कनॉट प्लेस की तस्वीरें]
[[श्रेणी:नयी दिल्ली]]
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