"कब्ज": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो RL We Media (Talk) के संपादनों को हटाकर EatchaBot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
Rescuing 4 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
||
पंक्ति 17:
सामान्य आवृति और अमाशय की गति व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है। (एक सप्ताह में 7 से 12 बार मल निष्कासन की प्रक्रिया सामान्य मानी जाती है। कब्ज होने से शौच करने में बाधा उत्पन्न होती है, पाचनतंत्र प्रभावित होता है,जिसके कारण शौच करने में बहुत पीड़ा होती होती है ,किसी को केवल गैस की समस्या होती है. किसी को खाने का पाचन ठीक से नहीं हो पाता है। और आजकल कब्ज की समस्याओ से बच्चे और युवा पीढ़ी दोनों परेशान हो चुके है। व्यक्ति दो या तीन दिन तक शौच नहीं हो पाता है।तो कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। यदि कब्ज का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाये तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। कब्जियत का मतलब ही प्रतिदिन पेट साफ न होने से है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को तो मल त्याग के लिये जाना ही चाहिये। दो बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है। नित्य कम से कम सुबह मल त्याग न कर पाना अस्वस्थता की निशानी है।<ref>
== प्रमुख कारण ==
पंक्ति 109:
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [https://web.archive.org/web/20190808190124/https://www.jivansutra.com/health/constipation-meaning-in-hindi/ '''कब्ज का इलाज''']
* [https://web.archive.org/web/20100530102641/http://www.indg.in/health/diseases/91592c94d91c '''कब्ज'''] (इण्डिया विकास गेटवे)
* [https://web.archive.org/web/20080723213827/http://www.worldgastroenterology.org/05_constipation.pdf.html Constipation Guideline] - the World Gastroenterology Organisation (WGO)
[[श्रेणी:आयुर्विज्ञान]]
|