"कर्क रेखा": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
Rescuing 3 sources and tagging 2 as dead.) #IABot (v2.0.1
पंक्ति 1:
{{आज का आलेख}}
[[चित्र:World map with tropic of cancer.svg|350px|thumb|विश्व के मानचित्र पर कर्क रेखा]]
'''कर्क रेखा''' [[उत्तरी गोलार्ध]] में [[भूमध्य रेखा]]‎ के समानान्तर {{coord|23|26|22|N|0|0|0|W|display=inline,title}} पर, ग्लोब पर [[पश्चिम]] से [[पूर्व]] की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा हैं। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख [[अक्षांश रेखाएँ|अक्षांश रेखाओं]] में से एक हैं जो पृथ्वी के [[मानचित्र]] पर परिलक्षित होती हैं। कर्क रेखा [[पृथ्वी]] की उत्तरतम अक्षांश रेखा हैं, जिसपर [[सूर्य]] दोपहर के समय लम्बवत चमकता हैं। यह घटना जून क्रांति के समय होती है, जब [[उत्तरी गोलार्ध]] [[सूर्य]] के समकक्ष अत्यधिक झुक जाता है। इस रेखा की स्थिति स्थायी नहीं हैं वरन इसमें समय के अनुसार हेर-फेर होता रहता है। [[२१ जून]] को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है। यहां इस दिन सबसे अधिक गर्मी होती है (स्थानीय मौसम को छोड़कर), क्योंकि सूर्य की किरणें यहां एकदम लंबवत पड़ती हैं। कर्क रेखा के सिवाय [[उत्तरी गोलार्ध]] के अन्य उत्तरतर क्षेत्रों में भी किरणें अधिकतम लंबवत होती हैं।<ref name="साया">[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_5563927.html ...और जब छूट गया साया राह चलते-चलते..] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20121101185527/http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_5563927.html |date=1 नवंबर 2012 }} याहू जागरण पर</ref> इस समय कर्क रेखा पर स्थित क्षेत्रों में परछाईं एकदम नीचे छिप जाती है या कहें कि नहीं बनती है। इस कारण इन क्षेत्रों को अंग्रेज़ी में नो शैडो ज़ोन कहा गया है।<ref name="">[http://www.bhaskar.com/2009/06/22/0906220621_years_big_day_and_small_night.html अपनी परछांई ढूंढते रहे लोग] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20090624131938/http://www.bhaskar.com/2009/06/22/0906220621_years_big_day_and_small_night.html |date=24 जून 2009 }} भास्कर पर</ref>
 
 
इसी के समानान्तर [[दक्षिणी गोलार्ध]] में भी एक रेखा होती है जो [[मकर रेखा]] कहलाती हैं। [[भूमध्य रेखा]] इन दोनो के बीचो-बीच स्थित होती हैं। कर्क रेखा से [[मकर रेखा]] के बीच के स्थान को [[ऊष्णकटिबन्ध|उष्णकटिबन्ध]] कहा जाता हैं। इस रेखा को कर्क रेखा इसलिए कहते हैं क्योंकि जून क्रांति के समय सूर्य की स्थिति [[कर्क राशि]] में होती हैं। सूर्य की स्थिति [[मकर रेखा]] से कर्क रेखा की ओर बढ़ने को [[अयन|उत्तरायण]] एवं कर्क रेखा से मकर रेखा को वापसी को [[अयन|दक्षिणायन]] कहते हैं। इस प्रकार वर्ष ६-६ माह के में दो [[अयन]] होते हैं।<ref name="अभिव्यक्ति">[http://www.abhivyakti-hindi.org/parva/alekh/2009/sankranti.htm मकर संक्रांति- परंपराएँ और मान्यताएँ] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20100501184457/http://www.abhivyakti-hindi.org/parva/alekh/2009/sankranti.htm |date=1 मई 2010 }} अभिव्यक्ति पर</ref><ref name="">[http://pustak.org/bs/home.php?mean=6994 भारतीय साहित्य संग्रह]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}</ref>
 
== भूगोल ==
[[चित्र:tropic-cancer-slp-mexico.JPG|thumb|right|250px|कर्क रेखा को चिह्नित करता स्मारक, मातेहुआला, सैन लुइस पोटोसी, [[मेक्सिको]]]]
भारत में कर्क रेखा [[उज्जैन]] शहर से निकलती है। इस कारण ही [[जयपुर]] के महाराजा [[जय सिंह द्वितीय|जयसिंह द्वितीय]] ने यहां [[जन्तर मन्तर (जयपुर)|वेधशाला]] बनवाई इसे जंतर मंतर कहते हैं। यह खगोल-शास्त्र के अध्ययन के लिए है। इस कारण ही यह स्थान [[हिन्दू काल गणना|काल-गणना]] के लिए एकदम सटीक माना जाता है। यहां से अधिकतर [[हिन्दू पंचांग]] निकलते हैं।<ref name="">[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/madhyapradesh/4_7_5334495.html विक्रम संवत 2066 के शुभारंभ पर क्षिप्रा नदी तट पर समारोह]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} याहू जागरण पर</ref>
 
कर्क रेखा विश्व के इन देशों से होकर (पूर्व की ओर बढ़ते हुए) गुज़रती है: