"2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे": अवतरणों में अंतर

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24 फरवरी 2020 को जाफराबाद और मौजपुर में हिंसक झड़पें हुईं जिसमें एक पुलिस अधिकारी और एक प्रदर्शनकारी मारे गए। सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने परस्पर एक-दूसरे पर पथराव किया और सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों ने घरों, वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ [[अश्रु गैस|आंसू गैस]] और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी पुलिया की तरफ से आई और हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाते हुए दंगा करना शुरू कर दिया और 24 फरवरी की देर रात तक उनमें आगजनी करती रही।
 
पुलिस ने कहा कि भीड़ ने अनिल स्वीट्स नाम की एक दुकान में आग लगा दी थी, जहाँ से पुलिस ने 26 फरवरी को '''[https://m.dailyhunt.in/news/india/urdu/lokmat+news+hindi-epaper-lokmhin/dilli+hinsah+dono+hath+katakar+dilabar+negi+ko+jhonk+diya+tha+aag+me+hatyaropi+giraphtar+kapil+mishra+ne+kiya+tvit-newsid-170131178/amp दिलबर नेगी]''' का शव बरामद किया था। हत्या के वक्त नेगी लंच और आराम करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था, जहाँ उसे दंगाइयों ने '''[https://defencenewsofindia.com/%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%AC%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A5-%E0%A4%AA%E0%A5%88%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%9F-%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%82/ काटकर आग में झोंक]''' दिया था। दिलबर नेगी के शरीर की राख अनिल स्वीट्स के गोदाम से बरामद हुई थी। जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता था कि बिना हाथ और पैरों का शरीर राख के ढेर में तब्दील हो चुका था। हिंसा समाप्त होने के एक सप्ताह से अधिक समय के बाद, सैकड़ों घायल अपर्याप्त रूप से चिकित्सा सुविधाओं से वंचित थे और हिन्दुओ की लाशें खुली नालियों में पाई जा रही थीं।
 
पोस्टमार्टम रिपोर्टों से यह बात सामने आने लगी है कि किस कदर प्रताड़ित कर लोगों की निर्मम तरीके से हत्या की गई। आईबी के '''[https://www.amarujala.com/delhi-ncr/delhi-violence-latest-update-ib-officer-ankit-sharma-murder-accused-arrested?pageId=1 अंकित शर्मा]''' की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनके शरीर का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं था जिसमें चाकू के गहरे घाव न हों। डॉक्टर ने लिखा है कि 400 से ज़्यादा बार उन्हें चाकुओं से गोदा गया। इस क्रूर अमानुषिक हत्याकांड और यातना को अंजाम देने में कम से कम 6 लोगों के शामिल होने की बात डॉक्टर बताते हैं। उन्होंने कहा है कि अंकित शर्मा को 6 लोगों ने लगातार '''[https://hindi.opindia.com/national/ib-officer-ankit-sharma-post-mortem-report-stabbed-over-400-times/ 2 से 4 घंटे तक 400 बार चाकुओं]''' से गोदा होगा। साथ ही, उनकी आँत को शरीर से बाहर निकाल दिया था।
 
फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार दिली पुलिस ने गुरुवार (फरवरी 27, 2020) को हिंसा में मारे गए 37 लोगों की जानकारी साझा की। पुलिस ने बताया कि हिंसा में मारे गए लोगों में 1 पुलिस अधिकारी समेत 36 आम नागरिक हैं। साथ ही ये भी बताया इस अधिकतर लोगों (21 लोग) की मौत गोली लगने के कारण हुई। 4 लोगों की हत्या धारधार हथियार घोंपने और प्रताड़ित किए जाने के कारण हुई। वहीं, 3 लोगों को जलाकर मार डाला गया। पुलिस के मुताबिक, अभी तक जिन मृतकों की जानकारी वो जुटा पाए हैं, उनमें 15 मुस्लिम और 10 हिंदू हैं। बाकियों के धर्म/मजहब की पहचान का खुलासा अभी नहीं हुआ है। मृतकों में सबसे कम उम्र के युवक का नाम अमन था। उसकी उम्र मात्र 17 साल थी। वहीं, इस दंगे में सबसे अधिक उम्र में मरने वाले वालों में दो बुजुर्ग की उम्र 70 साल थी। इसके अलावा अभी तक की सूचना के अनुसार मालूम हुआ है कि हिंसा में 29 पुरुषों और 1 महिला ने अपनी जान गंवाई।।
 
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान समुदाय विशेष की भीड़ के निशाने पर दूसरे समुदाय की संपत्ति थी। दंगाइयों की भीड़ ने देर रात तक उत्पात मचाते हुए शिव विहार तिराहे के आसपास की एक समुदाय के लोगों की संपत्तियों में तोड़-फोड़ करने के साथ आगजनी की थी। क्राइम ब्रांच के आरोप पत्र के मुताबिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की शुरुआत कर्दमपुरी, मौजपुर और चाँद बाग में हुई थी। इसके बाद दंगाईयों की भीड़ उत्तर-पूर्वी जिले के विभिन्न इलाकों में और उसके बाद डीआरपी स्कूल और राजधानी पब्लिक स्कूल के पास शिव विहार तिराहा पर पहुँची थी। दोपहर बाद लगभग तीन बजे बृजपुरी पुलिया की तरफ से समुदाय विशेष के लोगों की भीड़ आ गई और दंगा शुरू कर दिया। दंगाई भीड़ ने देर रात तक उत्पात मचाया।
 
इस साल फरवरी में इस्लामिक भीड़ द्वारा सीएए विरोध के नाम पर अंजाम दिए गए हिंदू विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली संपत्ति के नुकसान, दंगे, आगजनी और खून-खराबे की गवाह बनी। तब से लेकर अब तक दिल्ली पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए अथक प्रयास किया है। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई, जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कई गिरफ्तारियाँ की। दंगों से संबंधित कई आरोप पत्र भी दायर किए हैं। जाँच के दौरान खुलासा हुआ कि इस्लामिक दंगाइयों ने पकड़ में आने से बचने के लिए सीसीटीवी कैमरों को नष्ट कर दिया था।
 
== '''बड़ी साजिश का हिस्सा थी हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या, 50 लोगों ने 2 दिन पहले की थी बैठक: 1100 पन्नों की चार्जशीट में खुलासा''' ==
दिल्ली दंगों के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में 1100 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। रतनलाल की हत्या 24 फ़रवरी को हुई थी। पुलिस ने चार्जशीट में खुलासा किया है कि इससे 2 दिन पहले 22 फ़रवरी को ही 50 लोगों के एक समूह ने बैठक की थी, जहाँ हिंसा की पूरी साज़िश रची गई। दंगाइयों ने अपने घर के बच्चों व बुजुर्गों को पहले ही घर के भीतर रहने को बोल दिया था और ख़ुद हथियार लेकर निकले। ये लोग 23 फरवरी को भी हंगामे के लिए निकले थे, लेकिन उस दिन ज्यादा कुछ नहीं किया गया और ये सभी वापस आ गए। 24 फरवरी को सारे उपद्रवी एक बार फिर से घर से बाहर निकले और हिंसा शुरू कर दी। शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा, एसपी अनुज शर्मा और हेड कांस्टेबल रतनलालगंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान रतनलाल की मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद पूरे देश में एक आक्रोश की लहर दौड़ गई थी और सभी ने एक सुर में इस घटना की निंदा की थी। इस मामले में 5 मास्टरमाइंड हैं, जिनमें सलीम खान, सलीम मुन्ना और शादाब का नाम शामिल है। ‘आज तक’ की ख़बर के अनुसार, इस मामले की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने कुल 17 आरोपितों को गिरफ़्तार किया था। उन सभी को आरोपितों की सूची में डाला गया है। कई आरोपित फरार भी हैं।
 
चार्जशीट में पुलिस ने पुख्ता सबूत पेश किए हैं। जानकारों का कहना है कि पुलिस का पक्ष इस मामले में काफी मजबूत है और सुनवाई के बाद आरोपितों के गुनाहों का साबित होना तय है। चार्जशीट में सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल की वीडियो फुटेज और फोन कॉल डिटेल्स के साथ-साथ मौके पर उपस्थित गवाहों, पुलिसकर्मियों और और अन्य चश्मदीदों के बयान भी जोड़े गए हैं। इस घटना में क़रीब 60 लोग गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं। पुलिस ने चार्जशीट में ये भी कहा है कि रतनलाल की हत्या एक गहरी साजिश का हिस्सा थी। 24 फरवरी को मौजपुर क्रॉसिंग के पास हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच झड़प से दोपहर 12 बजे के क़रीब हिंसा भड़क उठी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘'''टाइम्स नाउ'''’ को बताया कि 5000 लोग वहाँ जुट गए थे और पत्थरबाजी भी हो रही थी। 1 बजे एक बड़ी भीड़ ने चाँदबाग में डीसीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों पर हमला बोल दिया, जिसमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे। दिल्ली पुलिस की मानें तो चाँदबाग में जिस तरह से सीएए विरोधी प्रदर्शन में लोगों को भड़काया गया और धरने ओर बिठाया गया, उसका दंगे फैलाने में अहम रोल था। रतन लाल की हत्या भी साज़िश का हिस्सा थी।
 
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जामिया एल्यूमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा उर्र रहमान (Shifa Ur Rahman) को गिरफ्तार कर लिया है। शिफा उर्र रहमान पर दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों के दौरान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगा भड़ाकने का आरोप है। उसे सोमवार (अप्रैल 27, 2020) को '''[https://www.motivatorindia.in/2019/12/sanskrit-slokas-with-meaning-hindi.html UAPA]''' के तहत गिरफ्तार किया गया। जानकारी के मुताबिक रविवार (अप्रैल 26, 2020) को पुलिस ने शिफा को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के दौरान दिल्ली दंगो में कई जगह उनकी संलिप्तता पाई गई। उनके खिलाफ तमाम सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
 
== '''ताहिर हुसैन के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे को कर दिया था बंद''' ==
इसी तरह दिल्ली पुलिस ने 2 जून (मंगलवार) को कड़कड़डूमा कोर्ट में एक चार्जशीट दायर की, जो कि दिल्ली दंगों में '''[[:en:Aam_Aadmi_Party|AAP]]''' के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के संलिप्तता से जुड़ी थी। चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि निलंबित '''[[:en:Aam_Aadmi_Party|Aam aadmi party]]''' पार्षद ताहिर हुसैन के आवास के पास लगे कैमरों से कोई सीसीटीवी फुटेज बरामद नहीं हुई है। चार्जशीट में कहा गया है कि कथित तौर पर हिंसा से पहले और हिंसा के दौरान किए गए कारनामों को छिपाने के लिए सीसीटीवी कैमरों से छेड़छाड़ की गई थी। 1030 पेज की चार्जशीट के मुताबिक ताहिर हुसैन के घर और ऑफिस के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। उसके घर से कैमरों की चार डीवीआर भी बरामद की गई है। इन सभी को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में जमा किया गया था, लेकिन उसमें कहा गया है कि 23 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक कोई भी रिकॉर्डिंग नहीं मिली है।
 
मार्च 2020 में कुछ वीडियो सामने आए थे, जिनमें उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चाँद बाग और जाफराबाद इलाकों में इस्लामवादी दंगाइयों द्वारा इलाके के सभी सीसीटीवी कैमरे को तोड़ते हुए देखा गया, क्योंकि ये लोग अपनी पहचान छिपाना चाहते थे। दंगाइयों ने कथित तौर पर दिल्ली पुलिस पर हमला करने से कुछ मिनट पहले ही इन कैमरों को तोड़ा था। इस घटना में दंगाइयों द्वारा डीसीपी अमित शर्मा बुरी तरह से घायल कर दिए थे और आईपीएस शर्मा को बचाने की कोशिश करने वाले कांस्टेबल रतन लाल को दंगाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था।दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति '''[[डॉनल्ड ट्रम्प|डोनाल्ड ट्रम्प]]''' की भारत यात्रा के दौरान राजधानी में सीएए विरोध के नाम पर हिंदू विरोधी दंगों को अंजाम दिया गया था। इसी बीच दिल्ली के गोकुलपुरी में भड़की हिंसा के दौरान एक और डीसीपी घायल हो गए थे। इतना ही नहीं सीएए विरोध के नाम पर हुए दंगों ने दिल्ली में सांप्रदायिक रूप ले लिया था, जिसके कारण दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा फैल गई थी। दिल्ली की सड़कों पर हुए हिंदू-विरोधी दंगों में करीब 53 लोगों की मौत हो गई थी। दंगाइयों ने आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या कर उनका शव भी नाले में फेंक दिया था।
 
इससे पहले भी पिछले वर्ष दिसंबर में सीएए विरोध के नाम पर देश में लोग सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले किया था। सीएए विरोध के नाम पर भड़की हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के सामने आए थे। वीडियो में इस्लामिक दंगाई सीसीटीवी कैमरे तोड़ते नजर आए थे। इस बीच मंगलुरु से कुछ सीसीटीवी फुटेज के वीडियो सामने आए थे। इसमें दंगाई 19 दिसंबर 2019 को सीसीटीवी कैमरों को अपने मुताबिक मोड़ते नजर आए थे। हालाँकि दंगाई क्षेत्र में लगे एक सीसीटीवी कैमरे को एडजस्ट करने से चूक गए, जिससे उनकी हरकतें कैद हो गई थी।
 
== '''₹1.30 करोड़ के हथियार ख़रीदे, 75 गोलियों का हिसाब नहीं: दिल्ली दंगों में ताहिर हुसैन मुख्य आरोपित, चार्जशीट दायर''' ==
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (जून 2, 2020) को बड़ी कार्रवाई करते हुए फ़रवरी के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में 2 चार्जशीट दायर की है। इसमें आम आदमी पार्टी के (अब निलंबित) पार्षद '''[[ताहिर हुसैन]]''' को मुख्य आरोपित बनाया गया है। उसके भाई '''शाह आलम''' सहित 15 अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने दस्तावेजों के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट पहुँच कर चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में कुल 70 गवाह हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति '''[[डॉनल्ड ट्रम्प|डोनाल्ड ट्रम्प]]''' की भारत यात्रा के दौरान दंगे कराने की साजिश पहले ही रच ली गई थी। इसके बाद पूरे नार्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगे भड़कने लगे थे। कई हिन्दुओं को मार डाला गया था। चाँदबाग और जफराबाद में हुए दंगों को लेकर ये चार्जशीट दायर की गई। ताहिर हुसैन पर इन दंगों को फंड करने और इसका मास्टरमाइंड होने की बात कही गई है। दंगों को भड़काने में '''1.3 करोड़ रुपए''' से भी ज्यादा फूँके गए।
 
ताहिर हुसैन के छत से मिले सबूतों के अलावा उसके खिलाफ कई अन्य सबूतों की बात की गई है। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया है कि वो दंगे भड़का रहा था। पुलिस को उसके पास से एक पिस्टल भी मिला है, जिसके साथ मिले कुल 200 गोलियों में से 125 गोलियाँ हैं लेकिन 75 बुलेट्स गायब हैं। अब तक ताहिर इसका कोई जवाब नहीं दे पाया है कि 75 गोलियाँ कहाँ गईं। पुलिस ने उस वीडियो को भी सबूत के तौर पर लिया है, जिसमें ताहिर हुसैन के गुंडे पेट्रोल बम फेंकते दिख रहे हैं। बता दें कि आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा की हत्या के मामले में भी ताहिर हुसैन का ही नाम आया था। उसके गुंडे उसे घसीटते हुए ले गए और फिर चाकुओं से ताबड़तोड़ मार कर उनकी हत्या कर दी गई थी। अंकित शर्मा दोनों पक्षों को समझाने गए थे लेकिन ताहिर के गुंडों ने उलटा उन्हें ही निशाना बना लिया।
 
== '''दिल्ली दंगों में ‘अपनी’ महिलाओं के लिए निर्देश: खौलता तेल, एसिड की बोतलें, पेट्रोल जमा करो… चार्जशीट दायर''' ==
दिल्ली में हिन्दू विरोधी दंगों के मामले में क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और पार्षद ताहिर हुसैन पर ना सिर्फ दंगों को फंड करने का आरोप लगाया है बल्कि उसे इन दंगों का मास्टरमाइंड बताया है। चार्जशीट में '''[https://www.amarujala.com/delhi-ncr/aap-councilor-tahir-hussain-arrested-for-killing-ib-personnel पार्षद ताहिर हुसैन]''' समेत 15 लोगों को आरोपित बताया गया है। पुलिस ने एक हजार तीस पन्नों के चार्जशीट में पार्षद '''ताहिर हुसैन''' के भाई '''[https://www.livehindustan.com/national/story-delhi-riots-police-crime-branch-has-detained-shah-alam-brother-of-tahir-hussain-3076962.html शाह आलम]''' को भी आरोपित बनाया है। ताहिर हुसैन ने लोगों से बात की थी और उसी वक्त तय किया गया था कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली आएँगे, तब दिल्ली में हिंसा कराई जाएगी। हालाँकि, पुलिस ने इस चार्जशीट में उमर खालिद को आरोपित नहीं बनाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ताहिर हुसैन के साथ, उसके भाई शाह आलम सहित 15 और अभियुक्तों को उन दंगों में शामिल होने के लिए नामित किया गया है, जिसमें 53 लोगों ने अपनी जान गँवाई। ताहिर हुसैन, शाह आलम और गुलफाम के भाइयों को कथित तौर पर आगजनी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
 
पुलिस के अनुसार, हिंसा कराने के लिए ताहिर ने '''एक करोड़ 30 लाख रुपए खर्च किए थे'''। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा कि हिंसा से पहले आरोपित ताहिर हुसैन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरकिता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल लोगों से बातचीत की थी। ताहिर ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से भी बात की थी और सब कुछ उसके नियंत्रण में था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि हिंसा के वक्त आरोपित ताहिर हुसैन अपनी छत पर था। ताहिर हुसैन ने 22 फरवरी को पिस्टल इश्यू करवाई थी, दंगो की भयानक तैयारी की गई थी। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट '''पिंजरा तोड़''' की लड़कियाँ दंगो से पहले खास इलाकों में कैसे मैसेज कर रही हैं –
 
1. घर में गर्म खौलते हुए पानी और तेल का इंतजाम करें। बिल्डिंग की सीढ़ियों पर तेल, शैंपू या सर्फ डाल दें। लाल मिर्च गर्म पानी में या पाउडर के रूप में प्रयोग करें।
 
2.     दरवाजों को मजबूत करें, जल्द से जल्द ग्रिल या लोहे के गेट लगवाएँ।
 
3.     तेजाब की बोतलें घर में रखें।
 
4.     बालकनी व छत पर ईंट और पत्थर रखें।
 
5.     कार व बाइक से पेट्रोल निकाल कर रखें।
 
6.     लोहे के दरवाजों में स्विच से करंट का इस्तेमाल करें।
 
7.     एक इमारत से दूसरी इमारत में जाने के लिए रास्ते का इंतजाम करें।
 
== '''जामिया कैंपस हिंसा''' ==
16 दिसंबर, 2019 को प्रदर्शनकारी जामिया कैंपस के अंदर जमा हो गए और वहीं से पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। वे जानबूझ कर दंगे को नियंत्रित करने वाले पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे थे। चार्जशीट के मुताबिक, स्थिति को काबू करने के लिए दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 65 के तहत 52 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं इस घटना के दौरान 35 पुलिस अधिकारी और घटनास्थल पर मौजूद 97 लोग घायल हो गए। इसके अलावा तीन पुलिस बूथ क्षतिग्रस्त हो गए थे। चार्जशीट के शुरुआत में पिछले साल 13 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया के पास हुई हिंसा के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन पर लगभग 2000 लोग बिना किसी परमिशन के इकठ्ठा हुए और संसद भवन की तरफ मार्च करने लगें। जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 पर रोका तो इस पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे और उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी की। घटना के दौरान पंद्रह पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।
 
चार्जशीट में फिर 15 दिसंबर 2019 को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के आसपास हुई हिंसा की घटनाओं के बारे में बताया गया है। जिसके अनुसार जामिया के कुछ पूर्व और अभी के छात्रों ने कुछ राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ मिलकर नागरिकता संशोधन अधिनियम ('''[[:en:Citizenship_(Amendment)_Act,_2019|CAA]]''') और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ('''[[:en:National_Register_of_Citizens_for_Assam|NRC]]''') के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया। संसद और राष्ट्रपति भवन तक मार्च करते समय भीड़ सड़कों को भी जाम करने लगी। जिस पर पुलिस ने उन्हें रोका तो उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया।
 
== '''हिन्दू विरोधी दंगों में शरजील और हर्ष मंदर की भूमिका''' ==
चार्जशीट में जेएनयू छात्र '''[https://www.youtube.com/watch?v=7eXAJBo1-IU शारजील इमाम]''' और '''[https://www.youtube.com/watch?v=tlwp9fox85c हर्ष मंदर]''' की दिल्ली हिंसा में भूमिका बताई गई है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा कि समिति ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम को विरोध के लिए बुलाया था। जहाँ शरजील ने 14 दिसंबर को भड़काऊ भाषण दिया। जहाँ उसने उत्तर भारत के सभी शहरों को तब तक के लिए बंद करने का आह्वान किया जब तक सरकार सीएए / एनआरसी को वापस नहीं ले लेती। जिसके बाद नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में जमकर हिंसा हुई थी। शरजील इमाम के खिलाफ पहले ही अप्रैल में चार्जशीट दायर की जा चुकी थी। बाद में 16 दिसंबर 2019 को हर्ष मंदर विरोध स्थल पहुँचे और प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विश्वास न करें। यहाँ पर न्याय पाने का एकमात्र तरीका सड़कों पर लड़ाई लड़ना है। बता दें हर्ष मंदर को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। साथ ही '''[[जॉर्ज सोरोस]]''' और कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष '''[[सोनिया गांधी|सोनिया गाँधी]]''' के साथ उनका लगाव जगजाहिर है। चार्जशीट में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का भी नाम शामिल हैं। जिन्होंने 22 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन स्थल पहुँच कर प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर बने रहने के लिए उकसाया जब तक कि सरकार सीएए / एनआरसी / एनपीआर वापस नहीं ले लेती।
 
चार्जशीट में फिर शाहीन बाग विरोध के बारे मे बताते हुए पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी 15 दिसंबर 2019 से ही इस क्षेत्र को पूरी तरह ब्लॉक कर रखा था। प्रदर्शनकारियों ने किसी भी वाहन को उस सड़क का उपयोग नहीं करने दिया। जिसकी वजह से रोजाना इस मार्ग पर जाने वाले एक लाख से अधिक यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता था। शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन की ‘सफलता’ को देखकर, लोगों ने दिल्ली के अन्य हिस्सों में इसी प्रकार सड़कों को ब्लॉक करने की कोशिश की थी। 17 दिसंबर 2019 को जाफराबाद में भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और कई पुलिस अधिकारियों को घायल कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर 2019 से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्व जिले में सात स्थानों पर अवैध रूप से हिंसक प्रदर्शन किया था। जिसके चलते इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। विरोध करने के लिए बड़ी संख्या भीड़ इकट्ठा होती थी। दिल्ली पुलिस ने दंगों के सिलसिले में 783 मामले दर्ज किए हैं। हिंदू विरोधी दंगों में कुल 52 लोगों ने अपनी जान गँवाई थी। वहीं 434 लोग घायल हुए और घायल हुए लोगों में लगभग 100 लोगों को बंदूक की गोली
 
==इन्हें भी देखें==
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== सन्दर्भ ==
 
 
https://m.dailyhunt.in/news/india/urdu/lokmat+news+hindi-epaper-lokmhin/dilli+hinsah+dono+hath+katakar+dilabar+negi+ko+jhonk+diya+tha+aag+me+hatyaropi+giraphtar+kapil+mishra+ne+kiya+tvit-newsid-170131178/amp
 
https://defencenewsofindia.com/%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%AC%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A5-%E0%A4%AA%E0%A5%88%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%9F-%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%82/
 
https://www.amarujala.com/delhi-ncr/delhi-violence-latest-update-ib-officer-ankit-sharma-murder-accused-arrested?pageId=1
 
https://hindi.opindia.com/national/ib-officer-ankit-sharma-post-mortem-report-stabbed-over-400-times/
 
https://www.motivatorindia.in/2019/12/sanskrit-slokas-with-meaning-hindi.html
 
https://www.livehindustan.com/national/story-delhi-riots-police-crime-branch-has-detained-shah-alam-brother-of-tahir-hussain-3076962.html
 
https://www.amarujala.com/delhi-ncr/aap-councilor-tahir-hussain-arrested-for-killing-ib-personnel
 
https://en.wikipedia.org/wiki/National_Register_of_Citizens_for_Assam
 
https://www.youtube.com/watch?v=7eXAJBo1-IU
 
https://aajtak.intoday.in/video/sharjeel-imam-another-video-surfaces-inciting-muslims-to-chakka-jam-cites-in-north-india-1-1158230.html
 
https://tfipost.com/2020/03/chor-chor-mausere-bhai-the-italy-and-george-soros-connection-of-harsh-mander/
 
https://www.youtube.com/watch?v=tlwp9fox85c
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[[श्रेणी:अपराध]]
[[श्रेणी:दंगे|*]]