"अहिल्या": अवतरणों में अंतर

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राम और [[लक्ष्मण]] ऋषि [[विश्वामित्र]] के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले तो उन्होंने एक उपवन में एक निर्जन स्थान देखा। राम बोले, "भगवन्! यह स्थान देखने में तो आश्रम जैसा दिखाई देता है किन्तु क्या कारण है कि यहाँ कोई ऋषि या मुनि दिखाई नहीं देते?"
 
विश्वामित्र जी ने बताया, "यह स्थान कभी महर्षि गौतम का आश्रम था। वे अपनी पत्नी के साथ यहाँ रह कर तपस्या करते थे। एक दिन जब गौतम ऋषि आश्रम के बाहर गये हुये थे तो उनकी अनुपस्थिति में इन्द्र ने गौतम ऋषि के वेश में आकर अहिल्या से प्रणय याचना की। यद्यपि अहिल्या ने इन्द्र को नहीं पहचाना, ऋषि गौतम को जानकर अहिल्या ने प्रणय हेतु अपनी स्वीकृति नहीं दी। जब इन्द्र अपने लोक लौट रहे थे तभी अपने आश्रम को वापस आते हुये गौतम ऋषि की दृष्टि इन्द्र पर पड़ी जो उन्हीं का वेश धारण किये हुये था। वे सब कुछ समझ गये और उन्होंने इन्द्र को शाप दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को शाप दिया कि रे दुराचारिणी! तू हजारों वर्षों तक केवल हवा पीकर कष्ट उठाती हुई यहाँ राख में पड़ी रहे। जब राम इस वन में प्रवेश करेंगे तभी उनकी कृपा से तेरा उद्धार होगा। तभी तू अपना पूर्व शरीर धारण करके मेरे पास आ सकेगी। यह कह कर गौतम ऋषि इस आश्रम को छोड़कर [[हिमालय]] पर जाकर तपस्या करने लगे। <ref name="dinjosh">{{cite book|first1=Dinakara Jośī ; anuvādaka, Triveṇī Prasāda Śukla, Prajñā|last1=Śukla|title=Rāmāyaṇa ke pātra|trans-title=रामायण के पात्र|date=2011|publisher=Grantha Akādamī|location=Naī Dillī|isbn=9789381063064|pages=100-102|url=https://books.google.co.in/books?id=YUx0BQAAQBAJ&pg=PT101&dq=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE+%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwiq38mTtOPTAhWiC5oKHa9OBl8Q6AEIIjAA#v=onepage&q=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0&f=false|accessdate=9 मई 2017|edition=Saṃskaraṇa 1.|archive-url=https://web.archive.org/web/20171108205021/https://books.google.co.in/books?id=YUx0BQAAQBAJ&pg=PT101&dq=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE+%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwiq38mTtOPTAhWiC5oKHa9OBl8Q6AEIIjAA#v=onepage&q=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0&f=false|archive-date=8 नवंबर 2017|url-status=live}}</ref>
 
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