"कंपनी": अवतरणों में अंतर
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कम्पनी का आशय [[कंपनी अधिनियम, 1956|कम्पनी अधिनियम]] के अधीन निर्मित एक 'कृत्रिम व्यक्ति' से है, जिसका अपने सदस्यों से पृथक अस्तित्व एवं अविच्छिन्न उत्तराधिकार होता है। साधारणतः ऐसी कम्पनी का निर्माण किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए होता है और जिसकी एक [[सार्वमुद्रा]] (common seal) होती है।
कंपनी जिसे हिंदी में "'''प्रमण्डल'''" के नाम से भी जाना जाता है। कंपनी एक ऐसी समूह या संस्था है जिसे कुछ व्यक्तियों के समूह द्वारा मिलकर व्यवसाय या उद्योगों को चलाने के लिए तैयार किया जाता है।<ref>{{Cite web|url=https://www.cgnewshindi.in/2020/06/list-of-maharatna-navratna-and.html|title=List of Maharatna, Navratna and Miniratna Companies in India|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=2020-06-19}}</ref>
गौरव श्याम शुक्ल के अनुसार,
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