"लालबहादुर शास्त्री": अवतरणों में अंतर

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शास्त्रीजी के राजनीतिक दिग्दर्शकों में [[पुरुषोत्तम दास टंडन|पुरुषोत्तमदास टंडन]] और पण्डित [[गोविन्द बल्लभ पन्त|गोविंद बल्लभ पंत]] के अतिरिक्त [[जवाहरलाल नेहरू]] भी शामिल थे। सबसे पहले [[१९२९|1929]] में [[इलाहाबाद]] आने के बाद उन्होंने टण्डनजी के साथ भारत सेवक संघ की [[इलाहाबाद]] इकाई के सचिव के रूप में काम करना शुरू किया। इलाहाबाद में रहते हुए ही नेहरूजी के साथ उनकी निकटता बढी। इसके बाद तो शास्त्रीजी का कद निरन्तर बढता ही चला गया और एक के बाद एक सफलता की सीढियाँ चढते हुए वे नेहरूजी के मंत्रिमण्डल में गृहमन्त्री के प्रमुख पद तक जा पहुँचे। और इतना ही नहीं, नेहरू के निधन के पश्चात [[भारत]]वर्ष के प्रधान मन्त्री भी बने।
 
== प्रधान मन्त्री ==
[[File:7th Nizam with Lal बहादुर शास्त्री.जपग|थंब|राइट|शास्त्री सातवें निज़ाम-[[मीर उस्मान अली खान]] के साथ]]
 
उनकी साफ सुथरी छवि के कारण ही उन्हें 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता खाद्यान्न मूल्यों को बढ़ने से रोकना है और वे ऐसा करने में सफल भी रहे। उनके क्रियाकलाप सैद्धान्तिक न होकर पूर्णत: व्यावहारिक और जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप थे।