"फ्रेडरिक नीत्शे": अवतरणों में अंतर

Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1
No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 24:
 
== जीवनी ==
नीत्शे का जन्म लाइपज़िग के निकट रोएकन नामक ग्राम में एक प्रोटेस्टेट पादरी के परिवार में हुआ था। उसके माता-पिता परंपरा से धर्मोपदेश के कार्य में संलग्न परिवारों के वंशज थे। अपने पिता की मृत्यु के समय नीत्शे पाँच वर्ष का था, परंतु उसकी शिक्षा की व्यवस्था उसकी माता ने समुचित ढंग से की। स्कूली शिक्षा में ही वह [[ग्रीक साहित्य]] से प्रभावित हो चुका था। [[धर्मशास्त्र]] तथा [[भाषाविज्ञान]] के अध्ययन के लिए उसने [[बॉन विश्वविद्यालय]] में प्रवेश लिया, जहाँ अपने प्राध्यापक रित्शल से घनिष्टता उसके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुई। रित्शल के लाइपज़िग विश्वविद्यालय जाने पर नीत्शे ने भी उसका साथ दिया। 24 वर्ष की ही अवस्था में नीत्शे बेस्ल विश्वविद्यालय में भाषा-विज्ञान के प्राध्यापक पद पर नियुक्त हुआ। नीत्शे को सैनिक जीवन के प्रति भी आकर्षण था। दो बार वह सैनिक बना परंतु दोनों बार उसे अपने पद से हटना पड़ा। पहली बार एक दुर्घटना में घायल होकर और दूसरी बार अस्वस्थ होकर। लाइपज़िग के विद्यार्थी जीवन में ही वह प्रसिद्ध संगतीज्ञसंगीतज्ञ वेगेनर के घनिष्ठ संपर्क में आ चुका था और, साथ ही शोपेनहावर की पुस्तक ""संकल्प एवं विचार के रूप में विश्व"" से अपनी दर्शन संबंधी धारणाओं के लिए बल प्राप्त कर चुका था। नीत्शे और वेगेनर का संबंध, नीत्शे के व्यक्तित्व को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण सूत्र की भाँति माना जाता है। 1879 ई. में अस्वस्थता के कारण नीत्शे ने प्राध्यापक पद से त्यागपत्र दे दिया। तत्पश्चात लगभग दस वर्षों तक वह स्वास्थ्य की खोज में स्थान स्थान भटकता फिरा; परंतु इसी बीच में उसने उन महान पुस्तकों की रचना की जिनके लिए वह प्रसिद्ध है। 1889 में उसे पक्षाघात का दौरा हुआ और मानसिक रूप से वह सदा के लिए विक्षिप्त हो गया। नीत्शे की मृत्यु के समय तक उसकी रचनाएँ प्रसिद्धि पा चुकी थीं।
 
== दर्शन ==