"सैयद अहमद ख़ान": अवतरणों में अंतर

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== राजनीति ==
मुस्लिम राजनीति में सर सैयद की परंपरा मुस्लिम लीग (1906 में स्थापित) के रूप में उभरी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1885 में स्थापित) के विरूध्द उनका प्रोपेगंडा था कि कांग्रेस हिन्दू आधिपत्य पार्टी है और प्रोपेगंडा आज़ाद-पूर्व भारत के मुस्लिमों में जीवित रहा। कुछ अपवादों को छोड़कर वे कांग्रेस से दूर रहे और यहाँ तक कि वे आज़ादी की लड़ाई से भी हिस्सा नहीं लिया। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि ब्रिटिश-भारत के मुस्लिम बहुल राज्यों मसलन-बंगाल, [[पंजाब]] में लगभग सभी स्वतंत्रता सेनानी हिन्दू, यामुस्लिम और सिख थे।<ref>{{cite web |url=http://www.pravakta.com/story/547/comment-page-1 |title=तुष्टिकरण और इसके नतीजे |access-date=17 अक्टूबर 2010 |last=के. पुंज |first=बलबीर |authorlink= |format= |publisher=प्रवक्ता |language=hi }}{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}</ref>
 
== मृत्यु==