"जरासन्ध": अवतरणों में अंतर

अपने मन से कल्पना की गई सोच को न डाले ।
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== जन्म ==
माना जाता है कि जरासंध के पिता मगधनरेश बृहद्रथ थे और उनकी दो पटरानियां थी। वह दोनो ही को एकसमान चाहते थे। बहुत समय व्यतीत हो गया और वे बूढ़े़ हो चले थे, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। तब एक बार उन्होंने सुना की उनके राज्य में ऋषि चंडकौशिक पधारे हुए हैं और वे एक आम के वृक्ष के नीचे विराजमान हैं। यह सुनते ही राजन आशापूर्ण होकर ऋषि से मिलने चल दिए। ऋषि के पास पहुँच कर उन्होंने ऋषि को अपना दुख कह सुनाया। राजा का वृतांत सुनकर ऋषि को दया आ गई और उन्होंने नरेश को एक आम दिया और कहा की इसे अपनी रानी को खिला देना। लेकिन चूंकि उनकी दो पत्नीयां थी और वे दोनो ही से एक समान प्रेम करते थे, इसलिए उन्होंए उस आम के बराबर टुकड़े करके अपनी दोनो रानियों को खिला दिया। इससे दोनो रानियों को आधे-आधे पुत्र हुए। भय के मारे उन्होंने उन दोनो टुकड़ो को वन में फिकवा दिया। तभी वहाँ से जरा नामक राक्षसी गुज़र रही थी। उसने ने माँस के उन दोनों लोथड़ों को देखा और उसने दायां लोथड़ा दाएं हाथ में और बायां लोथड़ा बाएं हाथ में लिया जिससे वह दोनो टुकडे जुड़ गए। और फिर जरा नामक राक्षसी ने उसे राजा बिरदर्थबृहद्रथ को सौप दिएदिया और राजभवन में दोनों रानियों की छाती से दुध उतर आया। इसीलिए उसका नाम जरासंध हुआ। सम्राट जरासंध महादेव का बहुत बड़ा भक्त था ।<ref name=":0">{{Cite web|title = टुकड़ों में पैदा हुआ था ये क्रूर इंसान, 14 दिनों तक दी भीम को टक्कर|url = http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/astrology-and-spirituality/this-cruel-man-born-in-pieces-fought-bheem-fourteen-days-1088947.html|publisher = [[राजस्थान पत्रिका]]|date = १२ जून २०१५|accessdate = १२ जून २०१५|archive-url = https://web.archive.org/web/20150612095640/http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/astrology-and-spirituality/this-cruel-man-born-in-pieces-fought-bheem-fourteen-days-1088947.html|archive-date = 12 जून 2015|url-status = dead}}</ref>
 
== मृत्यु ==