"रामदेव पीर": अवतरणों में अंतर

Rescuing 3 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1
#mission_search_engine के तहत-
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 2:
{{Infobox royalty
| name = रामदेव जी
| title = रुणिचा के शासक तथा समाज सुधारक
| image = [[चित्र:Baba Ramdevpir.jpg|200px]]
| reign =
पंक्ति 10:
| consort = नेतल दे
| issue =
| father =अजमलजीसायर तंवरमेघवाल
| mother =मैणादेवीमगनी माई
| birth_date = भाद्रपद शुक्लदूज वि.स. 1462
| birth_place = उण्डू काश्मीर, तहसील शिव जिला बाड़मेर
पंक्ति 17:
| death_place= रामदेवरा
| burial_place= रामदेवरा
| religion =[[हिन्दूनाथ पंथ]]
}}
बाबा रामदेव की माता मगनी तथा पिता सायर जयपाल/मेघवाल तथा बहिन डाली बाई थी।
 
बाबा रामदेव बचपन से ही प्रतिभा संपन्न थे जिसको देखकर अजमल ने सायर का पुत्र मांगा, क्योंकि सायर अजमल का दास था, इसलिए अपने पुत्र को अजमल को सौंप दिया तथा अजमल ने बालक रामदेव को पालने में सुला कर, आंगन में कुमकुम के पैर बनाकर झूठी कहानियां गढ़ दी।
 
'''रामदेव जी''' (बाबा रामदेव, रामसा पीर, रामदेव पीर)<ref>{{Cite web |url=http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-mahapurush/ramapeer-114102900012_1.html |title=रामदेव जी के पर्चे |access-date=3 जून 2017 |archive-url=https://web.archive.org/web/20170615171217/http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-mahapurush/ramapeer-114102900012_1.html |archive-date=15 जून 2017 |url-status=live }}</ref> [[राजस्थान]] के एक लोक देवता हैं जिनकी पूजा सम्पूर्ण राजस्थान व गुजरात समेत कई भारतीय राज्यों में की जाती है। इनके समाधि-स्थल [[रामदेवरा]] ([[जैसलमेर जिला|जैसलमेर]]) पर भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष द्वितीया को भव्य मेला लगता है, जहाँ पर देश भर से लाखों श्रद्धालु पहुँचते है।
 
वे चौदहवीं सदी के एक शासक थे, जिनकेजो पासकि मान्यतानुसारमहान चमत्कारीसमाज सुधारक थे तथा समाज में निम्न वर्ग के हितैषी थे। बाबा रामदेव दलितों को उनकी वर्तमान स्थिति से उभारने का कार्य किया शक्तियांकरते थीं।थे। उन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों तथा दलितों के उत्थान के लिए समर्पित किया। भारत में कई समाज उन्हें अपने इष्टदेव के रूप में पूजते हैं। उन्हें [[श्रीकृष्ण]] का अवतार माना जाता है।
 
नोट:- बाबा रामदेव को कृष्ण या विष्णु का अवतार एक साजिश के तहत बनाया गया है।
 
बाबा रामदेव की कब्र को समाधि का स्वरूप देकर वहां से राजपूत चढ़ावे के रूप में आने वाले पैसों को अपने पास रखता है, पहले जब चढ़ावे में पैसे नहीं आते थे तब वहां मेघवाल समाज का अधिकार था परन्तु फिर स्थिति बदल गई।
 
 
बाबा रामदेव की मृत्यु कैसे हुई इसका पता लगाने के लिए बाबा रामदेव की कब्र खुदवाकर पोस्टमार्टम करवाना चाहिए ताकि सच्चाई आमजन तक पहुंचे।
 
 
 
 
==पृष्ठभूमि==