"भारतीय दण्ड संहिता": अवतरणों में अंतर
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'''भारतीय दण्ड संहिता''' (Indian Penal Code, IPC) [[भारत]] के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ [[अपराध|अपराधों]] की परिभाषा व [[दण्ड]] का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता [[भारतीय सशस्त्र सेनाएँ|भारत की सेना]] पर लागू नहीं होती। [[अनुच्छेद ३७०]] हटने के बाद [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू एवं कश्मीर]] में भी अब भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) लागू है.
भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन् 1862 में लागू हुई। इसके बाद इसमे समय-समय पर संशोधन होते रहे (विशेषकर [[भारत की स्वतन्त्रता|भारत के स्वतन्त्र]] होने के बाद)। [[पाकिस्तान]] और [[बांग्लादेश]] ने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश [उपनिवेश|उपनिवेशों] ([[म्यान्मार|बर्मा]], [[श्रीलंका]], [[मलेशिया]], [[सिंगापुर]], [[ब्रुनेई]] आदि) में भी लागू की गयी थी। लेकिन इसमें अब तक बहुत से संशोधन किये जा चुके है।
==अध्याय १==
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* '''धारा १८६''' लोक सेवक के लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना।
* '''धारा १८७''' लोक सेवक की सहायता करने का लोप, जबकि सहायता देने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो
* '''धारा १८८''' लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा।
* '''धारा १८९''' लोक सेवक को क्षति करने की धमकी
* '''धारा १९०''' लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने हेतु किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी।
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* '''धारा २९२ क''' ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से अश्लील सामग्री प्रिन्ट करना
* '''धारा २९३''' तरुण व्यक्ति को अश्लील वस्तुओ का विक्रय आदि
* '''धारा २९४''' अश्लील कार्य और गाने
* '''धारा २९४ क''' लाटरी कार्यालय रखना
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* '''धारा ३०५''' शिशु या उन्मत्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण।
* '''धारा ३०६''' आत्महत्या का दुष्प्रेरण
* '''धारा ३०७''' हत्या करने का प्रयत्न
* '''धारा ३०८''' गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास
* '''धारा ३०९''' आत्महत्या करने का प्रयत्न।
पंक्ति 420:
* '''धारा ३२१''' स्वेच्छया उपहति कारित करना
* '''धारा ३२२''' स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
* '''धारा ३२३''' जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड, [https://web.archive.org/web/20200616100710/https://thelawadviser.com/marpit-ki-dhara-323-ipc-in-hindi-punishment-2020/ यह एक असंज्ञेय अपराध है तथा पुलिस द्वारा जमानतीय है] ।
* '''धारा ३२४''' खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना
* '''धारा ३२५''' स्वेच्छापूर्वक किसी को गंभीर चोट पहुचाने के लिए दण्ड
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==अध्याय २० क==
;पति या पति के सम्बन्धियों द्वारा निर्दयता
* '''धारा ४९८ क''' किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना
==अध्याय २१==
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