"अतिसार": अवतरणों में अंतर

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अतिसार का मुख्य लक्षण और कभी-कभी अकेला लक्षण, विकृत दस्तों का बार-बार आना होता है। तीव्र दशाओं में उदर के समस्त निचले भाग में पीड़ा तथा बेचैनी प्रतीत होती है अथवा मलत्याग के कुछ समय पूर्व मालूम होती है। धीमे अतिसार के बहुत समय तक बने रहने से, या उग्र दशा में थोड़े ही समय में, रोगी का शरीर कृश हो जाता है और जल ह्रास (डिहाइड्रेशन) की भयंकर दशा उत्पन्न हो सकती है। खनिज लवणों के तीव्र ह्रास से रक्तपूरिता तथा मूर्छा (कॉमा) उत्पन्न होकर मृत्यु तक हो सकती है
 
* पेट में दर्द
* ऐंठन
 
* सूजन
ऐंठन
* निर्जलीकरण
 
* बुखार
सूजन
* मल में खून
 
* दस्त
निर्जलीकरण
* उल्टी
 
बुखार
 
मल में खून
 
दस्त
 
उल्टी
 
== कारण ==