ऐतिहासिक रूप से बिलासपुर, [[रतनपुर]] के [[कलचुरी]] राजवंश का भाग था। शहर का मूल रूप यद्यपि, 1774१७७४ के आप-पास [[मराठा साम्राज्य|मराठा राजवंश]] के समय आया था। मराठा राजवंश ने यहाँ किलों का भी निर्माण प्रारम्भ कराया था, हालांकि वो कभी पूरा नहीं हो सका। सन१८५४ में ब्रिटिश सरकार की [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने बिलासपुर का अधिग्रहण कर लिया इसके पूर्व यह मराठा आधिपत्य में था। बिलासपुर का अधिग्रहण तब अस्तित्व में आया जब इस क्षेत्र के भोंसले राजा (नागपुर राजवंश) निःसंतान मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। [[इम्पीरियल गज़ेटियर ऑफ़ इंडिया]] के अनुसार इस शहर का नाम 'बिलासपुर', सत्रहवीं शताब्दी की मत्स्य-महिला '[[बिलासा]]' के नाम पर पड़ा।<ref>{{वेब सन्दर्भ|title=इम्पीरियल गैज़ेटियर ऑफ़ इण्डिया:बिलासपुर स्टेट|url=http://dsal.uchicago.edu/reference/gazetteer/pager.html?objectid=DS405.1.I34_V08_239.gif|website=http://dsal.uchicago.edu/|accessdate=25२५ अगस्त 2015२०१५|language=en|page=233|date=1808|archive-url=https://web.archive.org/web/20160303222913/http://dsal.uchicago.edu/reference/gazetteer/pager.html?objectid=DS405.1.I34_V08_239.gif|archive-date=3 मार्च 2016|url-status=live}}</ref> बिलासपुर के बारे में माना जाता है की यह लम्बे समय तक मछुवारों की बस्ती रहा है। बिलासपुर जिले का गठन १८६१ में हुआ तथा बिलासपुर नगर निगम 1867१८६७ में अस्तित्व मैं आया। १९०१ में बिलासपुर की जनसंख्या १८,९३७ थी जो कि ब्रिटिश राज के केंद्रीय सूबे में आठवीं सबसे बड़ी थी।