"कीर्तिलता": अवतरणों में अंतर
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'''कीर्तिलता''', [[विद्यापति]] की ऐतिहासिक रचना है। यह रचना 14 वी शताब्दी की मानी जाती है। महाकवि विद्यापति कई भाषाओं के ज्ञाता थे। इनकी अधिकांश रचना संस्कृत एवं अवहट्ट में है। वे ऐसे समय में हुए जब चिन्तन की भाषा संस्कृत और साहित्य की भाषा अपभ्रंश थी। कीर्तिलता
कीर्तिलता विद्यापति की आरम्भिक और पहली रचना मानी जाती है, यद्यपि विद्वान इससे असहमत भी हैं. कहते हैं क़ि इसे उन्होंने, कदाचित्, सोलह वर्ष की उम्र में लिखा था। प्रौढ़ होने पर उन्होंने अपभ्रंश को छोड़ दिया तथा कविताएँ वे मैथिली में तथा शास्त्रीय निबन्ध संस्कृत में लिखने लगे। यह ग्रन्थ प्राचीन काव्य रुढियों के अनुरुप भृंग भृंगी संवाद के रूप में लिखा गया है।
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