{{में विलय|हूण राजवंश|discuss=वार्ता:हूण लोग#हूण राजवंश के साथ प्रस्तावित विलय|date=जुलाई 2019}}
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'''हूण''' एक लुटेरीविजेता एवम जंगलीखुखार जाति थी जिनका मूल स्थान [[वोल्गाकश्मीर हिमालय]] के पूर्व में था। वे ३७० ई में [[यूरोप]] में पहुँचे और वहाँ विशाल हूण साम्राज्य खड़ा किया। हूण वास्तव में चीनभारत के पासमैं रहने वाली एक जाति थी। इन्हें चीनी लोग "ह्यून यू" अथवा "हून यू"हूणगुर्जर कहते थे। कालान्तर में इसकी दो शाखाएँ बन गईँ जिसमें से एक वोल्गा नदी के पास बस गई तथा दूसरी शाखा ने ईरान पर आक्रमण किया और वहाँ के सासानी वंश के शासक फिरोज़ को मार कर राज्य स्थापित कर लिया। सन् 483 ईसवीं में फारस के बादशाह फीरोज़ ने हूणों के बादशाह खुशनेवाज़खुशनेवाज़सिहँ के हाथ से गहरी हार खाई और उसी लड़ाई में वह मारा भी गया। हूणो ने फीरोज़ के उत्तराधिकारी कुबाद से दो वर्ष तक कर वसूल किया। बदलते समय के साथ-साथ कालान्तर में इसी शाखा ने भारत पर आक्रमण किया इसकी पश्चिमी शाखा ने यूरोप के महान [[रोमन साम्राज्य]] का पतन कर दिया।
विश्व को जीतने के बाद हूण साम्राज्य अपने देश की और आए यूरोप पर आक्रमण करने वाले हूणों का नेता अट्टिला (Attila) था। भारत परमें आक्रमणजो करनेलोग वालेवापस आ गए हूणों को श्वेत हूण तथा यूरोप पर आक्रमण करने वाले हूणों को अश्वेत हूण कहा गया हूणों के नेता [[मिहिरकुल]] तथा भारत परके आक्रमणअनेक करनेराजाओं वालेने हूणोंमिलकर मिहिरकुल हूण के नेतासाथ क्रमशःभयंकर तोरमाणयुद्ध वहुआ जिसमें [[मिहिरकुल]]थेहूण विजय हुआ [[तोरमाण |तोरमाण और]]ने स्कन्दगुप्त कोके शासन कालबीच में भारतयुद्घ परहुआ आक्रमणकियाहूणों की तुलना आज के गुर्जरों से की गई है था।
<ref>प्राचीन भारत का इतिहास by K.C.srivastav</ref>
<ref>भारत के इतिहास में हूण / रामचन्द्र शुक्ल</ref>