"हॉन्ग कॉन्ग": अवतरणों में अंतर

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हॉङ्ग कॉङ्ग में ज्यादातर लोग चीनी नस्ल के हैं। चीन का हिस्सा होने के बावजूद हॉङ्ग कॉङ्ग के अधिकांश लोग चीनी के रूप में पहचान नहीं रखना चाहते हैं। खासकर युवा वर्ग। केवल ११ फीसद खुद को चीनी कहते हैं। जबकि ७१ फीसद लोग कहते हैं कि वे चीनी नागरिक होने पर गर्व महसूस नहीं करते हैं। यही कारण है कि हॉङ्ग कॉङ्ग में हर रोज आजादी के नारे बुलंद हो रहे हैं और प्रदर्शनकारियों ने चीन समर्थित प्रशासन की नाक में दम कर रखा है।
 
{{टिप्पणीसूची|2}}हॉङ्गकॉङ्ग में हिंसक प्रदर्शनों और शांति का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा है। विवादित प्रत्यर्पण बिल विरोध से शुरू हुए इन प्रदर्शनों को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो का है। अब लोग लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं। दो दिन से प्रदर्शनकारियों हॉङ्ग कॉङ्ग विमानपत्तन को अपने कब्जे में ले रखा है। उधर चीन की सरकार प्रदर्शनकारियों की निंदा की है और यह भी कहा है कि वह चुप नहीं ठेगा। हालांकि, यह सब ऐसे ही नहीं हो रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रसंग हैं, जो दशकों पुराने हैं।
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची|2}}हॉङ्गकॉङ्ग में हिंसक प्रदर्शनों और शांति का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा है। विवादित प्रत्यर्पण बिल विरोध से शुरू हुए इन प्रदर्शनों को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो का है। अब लोग लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं। दो दिन से प्रदर्शनकारियों हॉङ्ग कॉङ्ग विमानपत्तन को अपने कब्जे में ले रखा है। उधर चीन की सरकार प्रदर्शनकारियों की निंदा की है और यह भी कहा है कि वह चुप नहीं ठेगा। हालांकि, यह सब ऐसे ही नहीं हो रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रसंग हैं, जो दशकों पुराने हैं।
 
 
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१९८४ में हुआ था सौदा
पिछली सदी के आठवें दशक की शुरुआत में जैसे-जैसे ९९ साल की लीज की समयसीमा पास आने लगी ब्रिटेन और चीन ने हॉङ्ग कॉङ्ग के भविष्य पर बातचीत शुरू कर दी। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने तर्क दिया कि हॉङ्ग कॉङ्ग को चीनी शासन को वापस कर दिया जाना चाहिए। दोनों पक्षों ने १९८४ में एक सौदा किया कि एक देश, दो प्रणाली के सिद्धांत के तहत हॉङ्ग कॉङ्ग को १९९७ में चीन को सौंप दिया जाएगा। इसका मतलब यह था कि चीन का हिस्सा होने के बाद भी हॉङ्ग कॉङ्ग ५० वर्षों तक विदेशी और रक्षा मामलों को छोड़कर स्वायत्तता का आनंद लेगा।
 
 
 
विवाद की जड़
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चीनी पहचान से नफरत
हॉङ्ग कॉङ्ग में अधिकतर लोग चीनी नस्ल के हैं। चीन का हिस्सा होने के बावजूद हॉङ्ग कॉङ्ग के अधिकांश लोग चीनी के रूप में पहचान नहीं रखना चाहते हैं। खासकर युवा वर्ग। केवल ११ फीसद खुद को चीनी कहते हैं। जबकि ७१ फीसद लोग कहते हैं कि वे चीनी नागरिक होने पर गर्व महसूस नहीं करते हैं। यही कारण है कि हॉङ्ग कॉङ्ग में हर रोज आजादी के नारे बुलंद हो रहे हैं और प्रदर्शनकारियों ने चीन समर्थित प्रशासन की नाक में दम कर रखा है।
 
== सन्दर्भ ==
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==बाहरी कड़ियाँ==