"अलंकार (साहित्य)": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति 113:
'''पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।'''
 
यहाँ पानी का प्रयोग तीन बार किया गया है, किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त '''पानी''' शब्द के तीन अर्थ हैं - मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ '''चमक''' या कान्ति मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ '''इज्जतइज़्ज़त''' (सम्मान) चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ '''साधारण पानी'''(जल) है।
 
==[[वक्रोक्ति अलंकार]]==