"अहीर": अवतरणों में अंतर

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गंगा राम गर्ग अहीर को प्राचीन [[आभीर]] समुदाय के वंशज मानते हैं। अभीर का भारत में सटीक स्थान ज्यादातर [[महाभारत]] और [[टॉलेमी]] के लेखन जैसे पुराने ग्रंथों की व्याख्याओं पर आधारित विभिन्न सिद्धांतों का विषय है। वह अहीर शब्द को संस्कृत शब्द अभीर का [[प्राकृत]] रूप मानते हैं। वह टिप्पड़ी करते है कि बंगाली और मराठी भाषाओं में वर्तमान शब्द आभीर है ।
 
===पौराणिक उद्भव===
पौराणिक दृष्टि से, अहीर या आभीर यदुवंशी राजा आहुक के वंशज है।<ref name="mitala">{{पुस्तक सन्दर्भ|last1=मित्तल|first1=द्वारका प्रसाद|title=हिन्दी साहित्य में राधा|date=1970|publisher=जवाहर पुस्तकालय|url=https://books.google.co.in/books?id=WucKAAAAMAAJ&q=%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%82%E0%A4%B6%E0%A5%80+%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0&dq=%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%82%E0%A4%B6%E0%A5%80+%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjErv3KlLXNAhWGqo8KHQpPA744PBDoAQhYMAk|accessdate=1 जुलाई 2020|url-status=live}}</ref> शक्ति संगम तंत्र मे उल्लेख मिलता है कि राजा ययाति के दो पत्नियाँ थीं-देवयानी व शर्मिष्ठा। देवयानी से यदु व तुर्वशू नामक पुत्र हुये। यदु के वंशज यादव कहलाए। यदुवंशीय भीम सात्वत के वृष्णि आदि चार पुत्र हुये व इन्हीं की कई पीढ़ियों बाद राजा आहुक हुये, जिनके वंशज आभीर या अहीर कहलाए।<ref>[https://books.google.co.in/books?id=N2K7AAAAIAAJ&q=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6&dq=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6&hl=en&sa=X&ved=0CCAQ6AEwAThGahUKEwjpvMuE9pbIAhXNGo4KHRGeBEo भाषा भूगोल व सांस्कृतिक चेतना], Vijaya Candra Publisher Vidyā Prakāśana, 1996 Original from the University of California, पृष्ठ 28</ref>
{{cquote|आहुक वंशात समुद्भूता आभीरा इति प्रकीर्तिता। (शक्ति संगम तंत्र, पृष्ठ 164)<ref>[https://books.google.co.in/books?id=N2K7AAAAIAAJ&q=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6&dq=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%AE%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6&hl=en&sa=X&ved=0CCAQ6AEwAThGahUKEwjpvMuE9pbIAhXNGo4KHRGeBEo भाषा भूगोल व सांस्कृतिक चेतना] Vijaya Candra Publisher Vidyā Prakāśana, 1996 Original from the University of California, पृष्ठ 28,29,30</ref>}}
 
इस पंक्ति से स्पष्ट होता है कि यादव व आभीर मूलतः एक ही वंश के क्षत्रिय थे तथा "हरिवंश पुराण" मे भी इस तथ्य की पुष्टि होती है।<ref name="आहुक">{{पुस्तक सन्दर्भ|last1=Agrawal|first1=Ramnarayan|title=Braja kā rāsa raṅgamc̃a|date=1981|publisher=Neśanala|location=the University of Michigan|url=https://books.google.co.in/books?id=7tAOAAAAIAAJ&q=%E0%A4%86%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5&dq=%E0%A4%86%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwj92tvX05vMAhVEB44KHXOyDAoQ6AEIOTAE|accessdate=1 जुलाई 2020|url-status=live}}</ref>
[[भागवत]] में भी वसुदेव ने आभीर पति [[नन्द बाबा|नन्द]] को अपना भाई कहकर संबोधित किया है व श्रीक़ृष्ण ने नन्द को मथुरा से विदा करते समय गोकुलवासियों को संदेश देते हुये उपनन्द, वृषभान आदि अहीरों को अपना सजातीय कह कर संबोधित किया है। वर्तमान अहीर भी स्वयं को यदुवंशी आहुक की संतान मानते हैं।<ref name="राधा">{{cite book|first1=द्वारका प्रसाद|last1=मित्तल|title=हिन्दी साहित्य में राधा|date=1970|publisher=जवाहर पुस्तकालय|url=https://books.google.co.in/books?id=WucKAAAAMAAJ&q=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%86%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BE&dq=%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%86%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B0+%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BE&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjuk8aTs57OAhVKP48KHTjiBUM4MhDoAQg4MAQ|access-date=1 जुलाई 2020|url-status=live}}</ref>
 
===सैन्य भागीदारी===
भारत के ब्रिटिश शासकों ने 1920 के दशक में पंजाब के अहीरों को एक "कृषिक जाति" के रूप में वर्गीकृत किया था, जो उस समय "[[योद्धा जातियाँ]]" होने का पर्याय था। वे 1898 से सेना में भर्ती हुए थे। [[अलवर]], [[रेवाड़ी]], [[नारनौल]], [[महेंद्रगढ़]], [[गुड़गांव]] और [[झज्जर]] के आसपास के क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण आबादी है। इस क्षेत्र को अहीरवाल के रूप में जाना जाता है।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/अहीर" से प्राप्त