"पवहारी बाबा": अवतरणों में अंतर

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'''पवहारी बाबा''' उन्नीसवीं शताब्दी के एक भारतीय तपस्वी और संत थे। विवेकानंद के अनुसार वे अद्भुत विनय-संपन्न एवं गंभीर आत्म-ज्ञानी थे। उनका जन्म लगभग 1800 ई• में के वाराणसी के निकट एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन में वह गाजीपुर के समीप अपने संत, ब्रह्मचारी चाचा के आश्रम विद्याध्ययन के लिए आ गए थे। अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद उन्होंने भारतीय तीर्थस्थलों की यात्रा की। काठियावाड़ के गिरनार पर्वत में वे योग के रहस्यों से दीक्षित हुए।
 
अमेरिका आने के ठीक पहले स्वामी विवेकानंद गाजीपुर पवहारी बाबा का दर्शन करने गए थे। साल बाद गाज़ीपुर में तपस्या करते समय उन्होंने खुदको मिट्टी का तेल डालकर जला डाला और अग्नी समाधी ले ली। वे तब 100 वर्ष के थे।
 
=== प्रारंभिक जीवन ===