"वाशिंगटन अर्विंग": अवतरणों में अंतर
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वाशिंगटन अर्विंग (१७८३-१८५९), अमेरिका के निबन्धकार, कथाकार, जीवनीकार, इतिहासकार और राजनयिक थे। इनकी लेखनी आकर्षक थी और अमरीका के साहित्य में इनका ऊँचा स्थान है।
वाशिंगटन अरविंङ Washington Irving | |
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जन्म | 03 अप्रैल 1783 New York City, New York |
मौत | नवम्बर 28, 1859 Sunnyside, Tarrytown, New York | (उम्र 76)
कब्र | Sleepy Hollow Cemetery, New York |
दूसरे नाम | Geoffrey Crayon, Diedrich Knickerbocker |
पेशा | Short story writer, essayist, biographer, magazine editor, diplomat |
भाषा | English |
आंदोलन | Romanticism |
हस्ताक्षर |
इनका जन्म न्यूयार्क में हुआ। बचपन से ही इन्होंने अपने पिता विलियम अर्विग (जो स्काटलैंड से अमरीका आए थे) के निजी पुस्तकालय में विद्योपार्जन किया। १७०० में इन्होंने वकालत का काम आरंभ किया, परन्तु क्षय रोग से ग्रस्त होने के कारण १८०४ में स्वास्थ्यलाभ के लिए यूरोप चले गए। १८०६ में स्वदेश लौटने पर अपने भाइयों के व्यवसाय में हाथ बटाया और साहित्य पर अपनी दृष्टि केंद्रित की।
१८०७ में इन्होंने 'सालमागुडी' नाम की एक मनोरंजन मिसलेनी और १८०९ में न्यूयार्क का इतिहास प्रकाशित किया। १८१५ में पुन: यूरोप भ्रमण के बाद १८१९ में इन्होंने 'दि स्केच बुक' प्रकाशित की, जिसे विदेशों में बहुत सफलता और ख्याति मिली। १८२२ में यह पेरिस गए और दो किताबें 'ब्रेसब्रिज हाल' और 'टेल्स ऑव ए ट्रैवेलर' लिखीं। १८२६ में ये स्पेन चले गए जिसके फलस्वरूप इन्होंने अनेक सुन्दर इतिहास लिखे : 'कोलम्बस की जीवनी और उनकी यात्राओं का इतिहास' (१८२८); 'ग्रेनाडा की विजय' (१८२९ ई); 'कोलंबस के साथियों की यात्राएँ', (१८३१ ई); 'अलहंब्रा' (१८३२ ई); 'स्पेन पर विजय की कथाएँ', (१८३५ ई) और 'मुहम्मद और उनके उत्तराधिकारी', (१८४९ ई)।
सन् १८३२ में वे अमरीका लौट चुके थे। १८४२ में वे स्पेन में अमरीका के राजदूत नियुक्त हुए, और १८४६ में स्वदेश लौट आए। इसी वर्ष इन्होंने 'गोल्डस्मिथ की जीवनी' प्रकाशित की और १८५५-५९ के बीच में 'वाशिंगटन की जीवनी' नामक अपनी महान कृति प्रकाशित की। १९५५ में ही इनकी कथाओं और निबंधों का एक संकलन 'वुल्फर्ट्स रूस्ट' के नाम से प्रकाशित हो चुका था। १८५९ की २८ नवंबर को एकाएक इनकी मृत्यु हो गई।