"बर्नूली का प्रमेय": अवतरणों में अंतर

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: ''किसी प्रवाह में, तरल का वेग बढ़ने पर पर तरल की स्थितिज उर्जा में कमी होती है या उस स्थान पर दाब में कमी हो जाती है। यह सिद्धान्त [[डच]]-[[स्विस]] गणितज्ञ डैनियल बर्नौली के नाम पर रखा गया है। इस सिद्धान्त की खोज उन्होंने ही की थी और १७३८ में अपनी 'हाइड्रोडाय्नैमिका' नामक पुस्तक में प्रकाशित किया था। इस सिद्धान्त की व्युत्पत्ति [[ऊर्जा संरक्षण का नियम|ऊर्जा सरंक्षण के नियम]] से की जा सकती है। यह तरल यांत्रिकी का सरल तथा आधारभूत सिद्धान्त है
 
== बर्नौली समीकरण का विशेष स्थिति में स्वरूप megnas prabhav ki vyakhaya likhiye ==
 
माना कि: