"घासीराम यादव": अवतरणों में अंतर

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'''घासीराम यादव''' (15 नवंबर 1924-30 नवंबर 1998) [[भारतीय]] राजनीतिज्ञ तथा पूर्व [[अलवर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र|अलवर]] से लोकसभा सांसद हैं।<ref>{{Cite web|url=http://164.100.47.194/loksabha/writereaddata/biodata_1_12/3950.htm|title=Biographical Sketch of Member of 12th Lok Sabha|website=164.100.47.194|access-date=2020-01-28|archive-url=https://web.archive.org/web/20180202071635/http://164.100.47.194/loksabha/writereaddata/biodata_1_12/3950.htm|archive-date=2 फ़रवरी 2018|url-status=live}}</ref> येे [[कांग्रेस]] पार्टी से जुड़े हैं। ये "मैं राजस्थान सरकार बोल रहा हूं" के तकियाकलाम से प्रसिद्ध हैं।<ref name="राजस्थान सरकार बोल रहा हूं">{{cite news |title=अलवर के इस कद्दावर नेता की पहचान थी राजस्थान सरकार, फोन पर कहते, 'मैं राजस्थान सरकार बोल रहा हूं', सुनकर हिल जाता था प्रशासन |url=https://www.patrika.com/alwar-news/ghasiram-yadav-politician-of-alwar-also-known-as-rajasthan-sarkar-3585324/ |accessdate=2 जुलाई 2020 |work=Patrika News |language=hindi |archive-url=https://web.archive.org/web/20181104210705/https://www.patrika.com/alwar-news/ghasiram-yadav-politician-of-alwar-also-known-as-rajasthan-sarkar-3585324/ |archive-date=4 नवंबर 2018 |url-status=live }}</ref>
 
==चुनावीराजनैतिक सफर==
घासीराम यादव 1952 में नायब तहसीलदार की नौकरी छोड़ चुनाव में [[मुण्डावर]] [[विधान सभा]] क्षेत्र से खड़े हुए व जीते। 1957 में भी ये मुण्डावर से जीते। 1962 में उनको मुण्डावर की जगह [[बहरोड़]] विधानसभा का टिकट दिया। वहां भी ये जीत गए। फिर 1967 में ये बहरोड़ में [[अमीलाल]] से हार गए। फिर 1972 में ये दोबारा बहरोड़ से जीते। लेकिन 1977 में इन्होंने मुण्डावर से चुनाव लड़ा तो हार गए। हालांकि इसके बाद 1980 में ये मुण्डावर से ही [[विधायक]] बन गए। 1990 में ये पुनः विधायक चुने गए। फिर 1993 में भी ये विधायक बने। अंत में 1997 में ये [[भारतीय संसद|सांसद]] चुनाव जीत कर लोकसभा में आए। इस प्रकार ये छः बार विधायक और एक बार सांसद चुने गए हैं।<ref name="राजस्थान सरकार बोल रहा हूं" />
 
==इन्हें भी देखें==
* [[अलवर]]