"अधकपारी": अवतरणों में अंतर

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== कारण ==
अर्धकपारी के प्रमुख कारणों में तनाव होना, लगातार कई दिनों तक नींद पूरी न होना, हार्मोनल परिवर्तन, शारीरिक थकान, चमचमाती रोशनियां, कब्ज़,<ref name="आयुष"/> नशीली दवाओं व शराब का सेवन आते हैं।<ref name="समयलाइव">[httphttps://wwwhealthinhindi.mpsamaylive.comnet/migraine-in-hindi/NewsDetails.aspx?lNewsID=33406 सिर का दर्द माइग्रेन तो नहीं ?]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}। एमपी समयलाइव।[[१८ अगस्त]], [[२००९]]</ref> कई मामलों में ऋतु परिवर्तन, कॉफी का अत्यधिक सेवन (चार कप से अधिक), किसी प्रकार की गंध और सिगरेट का धुआं आदि कारण भी माइग्रेन की समस्या का कारण देखे गये हैं। आजकल डिब्बाबंद पदार्थों और जंक फूड का काफी चलन है। इनमें मैदे का बड़ी मात्रा में प्रयोग होता है, यदि आपको माइग्रेन की शिकायत है तो आप इन पदार्थों का सेवन कतई न करें। पनीर, चाकलेट, चीज, नूडल्स, पके केले और कुछ प्रकार के नट्स में ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।<ref>[http://hindi.webduniya.com/miscellaneous/health/homeremedies/0902/13/1090213058_1.htm माइग्रेन- समय पर इलाज जरूरी है] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20130331015821/http://hindi.webduniya.com/miscellaneous/health/homeremedies/0902/13/1090213058_1.htm |date=31 मार्च 2013 }}। वेब दुनिया</ref>
 
२० से ५५ वर्ष की आयु के ऐसे लोग जिनकी कमर के क्षेत्र में अत्यधिक चर्बी है उन्हें माइग्रेन होने का खतरा औरों की तुलना में अधिक होता है।<ref>[http://josh18.in.com/showstory.php?id=401862 माइग्रेन से बचना है तो कम करें कमर की चर्बी!]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}। जोश १८। [[१६ फरवरी]], [[२००९]]। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस</ref> [[अमेरिकन अकादमी ऑफ न्यूरोलॉजी]] (एएएन) में [[फिलाडेल्फिया]] के [[ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय]] के शोधकर्ताओं द्वारा २२,२११ लोगों किये गये शोध के निष्कर्ष के अनुसार कमर पर अधिक चर्बी वाली ३७ प्रतिशत महिलाओं को माइग्रेन की शिकायत थी जबकि बिना अतिरिक्त चर्बी वाली मात्र २० प्रतिशत महिलाओं को ऐसी समस्या थी।<ref name = "कमर पर चर्बी ">{{cite web |url= http://www.livehindustan.com/news/1/1/1-1-11151.html