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== पटकथा ==
फ़िल्म की कहानी एक युवती, देवी ([[माधुरी दीक्षित]]) से आरम्भ होती है जो कुछ ऐसे आकस्मिक दृश्य देखती है जो कुछ ही पल पश्चात् घटित होने वाले हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.mouthshut.com/review/Hundred-Days-Movie-review-psropqsuum |title=माधुरी दीक्षित के अतिरिक्त संवेदी बोध|author=माऊथशट}}{{Dead link|date=जुलाई 2020 |bot=InternetArchiveBot }}</ref> फिल्म की शुरूआत उस दृश्य से होती है जिसमें देवी टेनिस खेलते हुए अचानक एक आकस्मिक दृश्य देखती है और इसमें वह अपनी बड़ी बहन रमा ([[मुनमुन सेन]]) की हत्या होते हुए देखती है। उसकी कॉलेज की दोस्त सुधा ([[सबीहा]]) और सुनील ([[जावेद जाफ़री]]) उसी की दृष्टि से कुछ लाभ के लिए उसकी सहायता करने की कोशिश करते हैं।
 
देवी को तब राहत मिली जब उसने अपनी बहन से बात की और पता चला की वो सकुशल है। यद्दपि उसके तुरंत बाद देवी की बहन की हत्या उसी तरह होती है जैसे देवी ने देखी थी। हत्यारे ने रमा के शव को हवेली की दीवारों में छुपा दिया। रमा को लापता घोषित कर दिया गया। देवी को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उसकी बहन की हत्या हो चुकी है। पाँच वर्ष बाद, देवी अपने चाचा ([[अजीत वाच्छानी]]) के यहाँ रहने लगती है जहाँ वह करोड़पति व्यापारी राम कुमार ([[जैकी श्रॉफ]]) से मिलती है और उसके साथ प्रणय सूत्र में बन्ध जाती है। सुनील जो देवी से अप्रकट रूप में प्यार करता था बहुत निराश हुआ। देवी और राम का विवाह हो गया और राम की पारिवारिक हवेली में प्रवेश करते हैं, जिसे एक कानूनी लड़ाई के बाद फिर से अर्जित किया था। यह बहुत कम लोग जानते थे कि रमा को यहां दफन किया गया था। जब देवी ने आकस्मिक दृश्य देखना पुनः आरम्भ किया, रमा का कंकाल वाली दीवार ढह जाती है।
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