"धर्म (पंथ)": अवतरणों में अंतर

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[[File:Prevailing world religions map.png|thumb|450px|संसार के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख धर्म.]]
[[चित्र:Worldwide percentage of Adherents by Religion.png|right|Thumb|300px|प्रमुख धर्मों के अनुयायीयों का प्रतिशत]]
'''धर्म''' (या '''मज़हब''') किसी एक या अधिक परलौकिक शक्ति में विश्वास और इसके साथ-साथ उसके साथ जुड़ी रीति, रिवाज, परम्परा, पूजा-पद्धति और दर्शन का समूह है।
 
[https://www.ratanroy.com/post/धर-म-और-ध-र-म-कत-म-क-य-फर-क-ह धर्म और धार्मिकता में क्या फ़र्क हैं ?]
 
इस प्रचलित धारणा के विरुद्ध स्वामी ओमा The अक् का दर्शन है कि धर्म को सम्प्रदाय या पंथ से जोड़ कर देखना वास्तव में धर्म की समझ को सीमित करना है, चूंकि पश्चिमी-जगत का संबद्ध केवल सम्प्रदाय या "विश्वास" से है अतः वह भारतीय-दृष्टि से अनभिज्ञ रहते हुए "धर्म" को भी "मज़हब" बताता रहता है जो नितांत ग़लत है, वास्तव में विशुद्ध धर्म तो केवल "सनातन-धर्म" ही है बाकी सब उसकी शाखाएं मात्र हैं यानी "सम्प्रदाय" और "पंथ"। ओमा The अक् के अनुसार धर्म कवक मनुष्यों तक ही सीमित नहीं वह तो अखिल-विश्व/ब्रह्मण्ड में व्याप्त है.. पशुओं और वृक्षों के अतिरिक्त पंच महाभूत भी धर्म से ही संचालित हैं वास्तव में धर्म प्रकृति की संचालिका-शक्ति है!