"स्वरूपानंद सरस्वती": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Rescuing 3 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
छोNo edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
||
पंक्ति 7:
== जीवन परिचय ==
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म २ सितम्बर १९२४ को मध्य प्रदेश राज्य के [[सिवनी]] जिले में [[जबलपुर]] के पास दिघोरी गांव में [[ब्राह्मण]] परिवार में पिता श्री धनपति उपाध्याय और मां श्रीमती गिरिजा देवी के यहां हुआ। माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा। नौ वर्ष की उम्र में उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्रायें प्रारम्भ कर दी थीं। इस दौरान वह [[काशी]] पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री [[स्वामी करपात्री|स्वामी करपात्री महाराज]] वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। यह वह समय था जब [[भारत]] को [[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। जब १९४२ में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और १९ साल की उम्र में वह 'क्रांतिकारी साधु' के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने [[वाराणसी]] की जेल में नौ और [[मध्य प्रदेश|मध्यप्रदेश]] की जेल में छह महीने की सजा भी काटी। वे [[स्वामी करपात्री|करपात्री महाराज]] की राजनीतिक दल [[अखिल भारतीय राम राज्य परिषद|राम राज्य परिषद]] के अध्यक्ष भी थे। १९५० में वे दंडी संन्यासी बनाये गए और १९८१ में शंकराचार्य की उपाधि मिली। १९५० में शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे।
== चातुर्मास्य व्रतों की सूची ==
== सन्दर्भ ==
|