"सूरत": अवतरणों में अंतर
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== इतिहास ==
ऐसा समझा जाता है कि आधुनिक सूरत शहर की स्थापना पंद्रहवी सदी के अंतिम वर्षों में हुई। कहा जाता है कि 1516 में एक [[हिन्दू]] [[ब्राह्मण]] गोपी ने इसे बसाया था। 12वीं से 15वीं शताब्दी तक यह शहर [[मुस्लिम]] शासकों, पुर्तग़ालियों, मुग़लों और मराठों के आक्रमणों का शिकार हुआ। 1514 में पुर्तग़ाली यात्री दुआरते बारबोसा ने सूरत का वर्णन एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में किया था। 18वीं शताब्दी में धीरे-धीरे सूरत का पतन होने लगा था। उस समय अंग्रेज़ और डच, दोनों ने सूरत पर नियंत्रण का दावा किया, लेकिन 1800 में अंग्रेज़ों का इस पर अधिकार हो गया।
== भौगोलिक स्थिति ==
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== उद्योग और व्यापार ==
पुर्तग़ालियों द्वारा (1512 एवं 1530) सूरत को जला दिए जाने के बाद यह एक बड़ा विक्रय केंद्र बना, जहाँ से कपड़े और सोने का निर्यात होता था। वस्त्रोद्योग और जहाज़ निर्माण यहाँ के मुख्य उद्योग थे। अंग्रेज़ों ने 1612 में पहली बार अपनी व्यापारिक चौकी यहीं पर स्थापित की थी। यहाँ के सूती, रेशमी, किमख़्वाब (जरीदार कपड़ा) के वस्त्र तथा सोने व चाँदी की वस्तुएं प्रसिद्ध हैं। [[सूरत]] के हीरे पर पॉलिश के उद्योग ने प्रवासी मज़दूरों कों अपनी और आकर्षित किया है। वर्तमान में सूरत शहर देश में वस्त्र निर्माण में प्रथम स्थान पर है। यहाँ पर हर प्रकार के वस्त्रों साड़ी, ड्रेस मैटेरियल और सभी प्रकार के रेडीमेड वस्त्रों का भी वृहत् पैमाने पर उत्पादन होता है। यहाँ पर [[भारत]] के लगभग सभी राज्यों के लोग निवास करते है।इसी कारण यह "लघु भारत"के नाम से भी जाना जाता है।
== जनसंख्या ==
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