"फ्रांस की सिविल संहिता": अवतरणों में अंतर

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'''फ्रांस की सिविल संहिता''' ([[फ़्रान्सीसी भाषा|फ्रेंच]] आधिकारिक नाम : ''Code civil des français'') [[नेपोलियन बोनापार्ट|नैपोलियन प्रथम]] द्वारा १८०४ में [[फ़्रान्स|फ्रांस]] में लागू की गयी। इसे 'नैपोलियन कोड' भी कहते हैं। इस संहिता द्वारा जन्म के आधार पर दिये गये [[विशेषाधिकार]] बन्द कर दिये गये, इसके तहत [[धर्म की स्वतंत्रता]] प्रदान की गयी, तथा इसमें कहा गया कि सरकारी नौकरियाँ उनको मिलें जो सर्वाधिक योग्य हों।<ref>{{Cite book |title=Code civil des français: édition originale et seule officielle |publisher= L'Impremerie de la République. XII |place= Paris |year= 1804 |page= |url=http://gallica.bnf.fr/ark:/12148/bpt6k1061517/f2.image|accessdate= November 28, 2016|via= Gallica}}</ref>
 
क्रांति से पूर्व फ्रांस में आनेक कानून थे और उनमें परस्पर ‌असंगतियां थी। नेपोलियन ने कानून की एक संहिता तैयार करवाई, जिसे 'नेपोलियन की कानून संहिता' या नेपोलियन कोड कहा जाता है।<ref>[https://www.divanshugeneralstudypoint.in/2017/09/nepoliyan-ki-kanunu-sahinta.html?m=1/ www.divanshugeneralstudypoint.in]</ref>
यह संहिता चार ज्युरीजूरी की एक आयोग द्वारा बहुत जल्दी तैयार किया गया तथा २१ मार्च १८०४ को लागू किया गया। यह स्पष्ट रूप से लिखित था और पहले से चल रहे सामन्ती नियमों के स्थान पर लागू हुआ। इतिहासकार [[रॉबर्ट होल्टमैन]] का मानना है कि यह उन गिने-चुने प्रपत्रों में से एक है जिन्होने संसार पर अपनी छाप छोड़ी है।
 
ज्ञातब्य है कि यह यूरोप के किसी देश में लागू होने वाला पहला सिविल कोड नहीं था बल्कि कुछ देशों में इससे पहले भी सिविल कोड लागू हो चुके थे।