"वामपन्थी राजनीति": अवतरणों में अंतर

छो दुनिया के सभी देशों की स्थिति परिस्थिति और भूगोल तथा परम्पराये अलग अलग है इसलिये केवल फ्रांस की क्रांति को दुनिया के अन्य देशों से नही जोड़ा जा सकता है और न ही आधार माना जा सकता है
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[[चित्र:Praha, Václavské náměstí, Demonstrace 2011, rudé vlajky komunistů.jpg|thumb|230px|[[चेक गणराज्य]] में [[श्रमिक संघ]]ों द्वारा आयोजित मजदूरों के हक़ों के समर्थन में एक बाईं-तरफ़ा जलूस]]
'''वामपंथी राजनीति''' (left-wing politics या leftist politics) [[राजनीति]] में उस पक्ष या विचारधारा को कहते हैं जो समाज को बदलकर उसमें अधिक आर्थिक और जातीय समानता लाना चाहते हैं। <ref name="ref40fagod">[http://books.google.com/books?id=o3Zd8JZJKRQC Cultures at war: moral conflicts in western democracies], T. Alexander Smith, Raymond Tatalovich, University of Toronto Press, 2003, ISBN 978-1-55111-334-0, p. 30</ref><ref name="ref06gevaz">[http://books.google.com/books?id=jdw9MDQa4mEC Left and right: the significance of a political distinction], Norberto Bobbio, Allan Cameron, University of Chicago Press, 1996, ISBN 978-0-226-06245-7, p. 37</ref> इस विचारधारा में समाज के उन लोगों के लिए सहानुभूति जतलाई जाती है जो किसी भी कारण से अन्य लोगों की तुलना में पिछड़ गए हों या शक्तिहीन हों। राजनीति के सन्दर्भ में 'वाम' और 'दक्षिण' शब्दों का प्रयोग [[फ़्रान्सीसी क्रान्ति]] के दौरान शुरू हुआ। [[फ़्रान्स|फ़्रांस]] में क्रान्ति से पूर्व की एस्टेट जनरल (<small>Estates General</small>) नामक संसद में सम्राट को हटाकर [[गणराज्य|गणतंत्र]] लाना चाहने वाले और धर्मनिरपेक्षता चाहने वाले अक्सर बाई तरफ़ बैठते थे। आधुनिक काल में [[समाजवाद]] (सोशलिज़म) और [[साम्यवाद]] (कम्युनिजम) से सम्बंधित विचारधाराओं को बाईं राजनीति में डाला जाता है।<ref name="ref11zahap">[http://books.google.com/books?id=N1h4_NqTOFoC The Cambridge History of Twentieth-Century Political Thought], Terence Ball, Richard Paul Bellamy, Cambridge University Press, 2003, ISBN 978-0-521-56354-3</ref> फ्रांस कीीकी क्रांति के समय वामपंथी विचारधारा को गणतंत्र की स्थापना की विचारधारा माना जा सकता है परंतुुु भारत में स्थिति भिन्न है और दक्षिणपंथीी विचारधारा भारत की संस्कृति समाजवाद धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्र के समग्र विकास में पूरी तरह सक्षम है और भारत में वामपंथीी विचारधारा देश में विघटन पैदा करती है इसलिएफ्रांस की क्रांति को आधार मानकर दुनियाा के अन्य देशों पर इस विचारधाराा को लागू नहीं किया जा सकता है।